कोटेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड राज्य में अलकनंदा नदी के किनारे महाभारत और शिव भस्मासुर से Koteshwar mahadev cave rudraprayag

कोटेश्वर महादेव सम्पूर्ण कथा भगवान शिव और भस्मासुर से जुडी कथा अलकनंदा, पांडव से भी जुडी है कथा उत्तराखण्ड का कोटेश्वर महादेव मंदिर रुद्रप्रयाग

कोटेश्वर महादेव

कोटेश्वर महादेव मंदिर मार्ग Koteshwar mahadev cave temple way

कोटेश्वर महादेव मंदिर रुद्रप्रयाग (जगह रुद्रप्रयाग जिला भी है और जगह भी) से लगभग 3-4 किमी0 की दूरी पर एक बेहद सुंदर स्थान पर स्थित मंदिर है जहां पर श्रद्धालु व आसपास के लोग काफी मात्रा में दर्शन के लिए पहुंचते हैं कोटेश्वर मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है

कोटेश्वर मंदिर का जिलेवार रास्ता district way for koteshwar temple

गढ़वाल मार्ग Garhwal marg to Nageshwar mahadev mehalchauri

गढ़वाल मार्ग – देहरादून – ऋषिकेश – श्रीनगर गढ़वाल (पौड़ी) – रुद्रप्रयाग – चमोली – गैरसैंण

कुमाऊं मार्ग Kumaon marg to Nageshwar Mhadev chamoli

कुमाऊं मार्ग – अल्मोड़ा – चमोली – रुद्रप्रयाग

koteshwar rudrapryag

कार्तिक स्वामी

कोटेश्वर मंदिर Koteshwar temple

कोटेश्वर मंदिर रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के किनारे बेहद सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच है यह मंदिर गुफा रूप में है जहां पर शिव, पार्वती, और गणेश जी की मूर्तियां स्थित हैं।

कोटेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा story of koteshar mahadev mandir

कोटेश्वर महादेव का यह मंदिर महाभारत और शिव से जुड़ा है मंदिर के विषय में दो कथाएं हैं एवं मंदिर

पहली कथा अनुसार कोटेश्वर

कोटेश्वर महादेव मंदिर शिव से जुड़ा है इस कथा अनुसार भस्मासुर ने महादेव शिव की तपस्या कर उनसे एक वरदान प्राप्त किया जिसके अनुसार वह जिस किसी के भी सर पर हाथ रखेगा, वह उसी क्षण भस्म हो जाएगा जिसके बाद कहा जाता है की भस्मासुर ने वरदान की सत्यता की जांच करने के लिए शिव के ही सर पर हाथ रखने का प्रयास किया जिससे बचने के लिए शिव भागने लगे लगे इसी दौरान शिव कुछ समय के लिए इसी गुफा में रहे थे जिसे कोटेश्वर के नाम से जाना जाता है।

महाभारत से जुड़ी कहानी के अनुसार पांडव जब शिव से मुक्ति की कामना लेकर हिमालय की ओर बढ़ रहे थे तब महादेव इसी जगह पर ध्यान अवस्था में थे।

koteshwar mahadev mandir

देवरिया ताल

Information related to koteshwar mahadev temple hindi

कोटेश्वर महादेव मंदिर से जुडी कहानी के विषय में यदि आपके पास कोई जानकारी है तो आप आप हमें ईमेल या कमेन्ट कर जानकरी दे सकते हैं ईमेल करने के लिए क्लिक करें

 

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