history of uttrakhand
उत्तराखंड का प्राचीन इतिहास
Uttarakhand ki prachin prjatiya
उत्तराखंड में आने वाली प्रथम प्रजाति…..
उत्तराखंड की प्राचीन प्रजातियों के नाम …
खस प्रजाति उत्तराखंड में किस प्रजाति के बाद आई….?
इस पोस्ट में हम आपको उत्तराखंड के प्राचीन इतिहास और पुरा प्रजातियों के बारे में बताएंगे ।।
उत्तराखंड का प्राचीन इतिहास
1) उत्तराखंड में आने वाली प्रथम प्रजाति किसे माना जाता है ?
उत्तर – कोल प्रजाति
2) पूरा साहित्यिक ग्रन्थों में कोल प्रजाति का वर्णन किस नाम से मिलता है ?
उत्तर – मुण्ड या शबर
3) उत्तराखंड में कोल प्रजाति के बाद आने वाली दूसरी प्रजाति का नाम क्या है ?
उत्तर – किरात प्रजाति
4) बाणभट्ट की कौन सी रचना हिमालय क्षेत्र में किरात के निवास की पुष्टि करती है ?
उत्तर – कादंबरी
5) वर्तमान में किरतों के वंशज कहां-कहां रहते हैं ?
उत्तर – अस्कोट व डीडीहाट में
6) किरतों के बाद उत्तराखंड में किस प्रजाति का उल्लेख मिलता है ?
उत्तर – खस प्रजाति
7) गढ़वाल और कुमाऊं में बौद्ध धर्म का सर्वाधिक प्रचार प्रसार किस समय हुआ ?
उत्तर – खस प्रजाति के समय
8) पिथौरागढ़ के बनकोट में कितनी ताम्र मानवाकृतियां प्राप्त हुयी ?
उत्तर – आठ
9) बनकोट में ताम्र आकृतियों की खोज किस सन् में हुई ?
उत्तर – 1989 ईo में
10) किरात प्रजाति किस प्रकार की प्रजाति थी ?
उत्तर – भ्रमणकारी व आखेटक
11) स्कंद पुराण में कीरातों को क्या कहा गया है?
उत्तर – भिल्ल
12) खस प्रजाति में कौन सी प्रथा प्रचलित थी ?
उत्तर – घर जंवाई प्रथा एवं पशुबलि प्रथा
13) भोटिया प्रजाति को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर – शौका
14) खस लोग अपनी ज्येष्ठ पुत्री को मंदिरों में दान कर देते थे इस प्रथा को किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर – देवदासी प्रथा
15) कोल प्रजाति के लोग दिखने में कैसे होते थे?
उत्तर – कुरूप व भद्दे।