उत्तराखंड के पौराणिक आभूषण
parmprik ghne उत्तराखंड के पारंपरिकषण – आभूषण
1) स्यूण सांगल – चांदी का बना हुआ आभूषण जिसे महिलाओं द्वारा कंधों पर पहना जाता है
2) गुंठी/ ठवाक् – सोने व चांदी का आभूषण जिसे हाथ में पहना जाता है ।
3) धगुला /खंडवे – सोने व चांदी के आभूषण हाथ में पहने जाते हैं।
4) पौंटा – चांदी का पैर में पहने जाने वाला आभूषण हैं ।
5) पवल्या (बिछुवा) – चांदी का विवाहित महिलाओं द्वारा पैर की अंगुलियों में पहने जाने वाला आभूषण है ।
6) झांवर – चांदी का आभूषण जिसे पैरों में पहना जाता है ।
7) पाजेब/पैजवी – चांदी के पैरों में पहने जाने वाले आभूषण है।
8)गौंखले – चांदी का बाजू में पहना जाने वाला आभूषण हैं ।
9) सीसफूल सुहाग बिंदी मांगटीका यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जिसे माथे पर विवाहित महिलाओं द्वारा लगाया या पहना जाता है ।
10) हमेल – गले में पहने जाने वाली सिक्कों की माला है जिसे चवन्नी माल भी कहते हैं ।
11) कंठीमाला – गले में पहने जाने वाला आभूषण जो मछली के आकार का होता है ।
12) हँसुली – गले में पहने जाने वाला चांदी का आभूषण है।
13) बुलाक – नाक में पहने जाने वाला आभूषण का आकार U की तरह होता है ।
14) चूड़ी या कंगन – हाथों में पहने जाने वाले आभूषण है जो प्राय: कांच से बनी होती है ।