kalimath mandir rudraprayag mentioned kedarkhand related to kalidas उत्तराखण्ड कालीमठ मंदिर गुप्तकाशी
kalimath mandir में आज भी दशहरा में शीला (पत्थर) से निकलता है खून इतना ही नहीं रात में होती है पूजा, मां काली विरजती हैं अपनी बहनों के साथ कालीमठ मंदिर रुद्रप्रयाग 12 साल की बच्ची का रूप धारण कर किया था असुर का अंत ऐसे नही हुआ था मां का क्रोध शांत शिव को लेटना पढा था रास्ते में
कालीमठ मंदिर Kalimath Temple
कालीमठ मन्दिर मार्ग
मंदिर तक पहुचने के लिए जिलेवार रास्ता नीचे जोड़ा गया है |
उत्तराखण्ड – देहरादून – पौड़ी – रुद्रप्रयाग (गौरीकुंड हाईवे) – गुप्तकाशी – कालीमठ मंदिर
कुमांऊ मार्ग
उत्तराखण्ड – अल्मोड़ा – चमोली – रुद्रप्रयाग
कालिमठ मंदिर रुद्रप्रयाग कथा
कालीमठ मंदिर उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी नामक स्थान के नजदीक है काली मठ मंदिर की अपने आप में विशेष कथा है एवं मंदिर से जुड़ी लोगो में विशेष मान्यताएं हैं मंदिर से जुड़ी कुछ कहानियां और मान्यताएं नीचे हैं
Kalimath mandir Story in hindi
कालीमाथ मंदिर से जुड़ी एक कहानी है की माता ने यहां से लगभग 7-9 की ऊंचाई पर स्थित काली शीला पर ही शुम्भ – निशुंभ और रक्तबीज नाम के असुरों का वध किया था और इस स्थान पर आज भी मां काली के पैरों के निशान मौजूद हैं, और कहा जाता है की रक्तशीला पर माता ने रक्तबीज नाम के असुर का अंत किया था वहां से आज भी दशहरा के दिन रक्त निकलता है।
कालीमठ मंदिर रुद्रप्रयाग से जुड़ी कथा
कालीमठ मंदिर के बारे में कहा जाता है की यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां मां काली सरस्वती देवी और लक्ष्मी जी के साथ निवास करती हैं।
Another story related to Kalimath Temple Uttarakhand
kalimath mandir से जुड़ी एक विशेष कथा यह है की मंदिर में कोई मूर्ति नही है बल्कि यहां पर कुंड की पूजा होती है और यह कुंड भी केवल नवरात्रि को अष्ट नवरात्रि को खुलता है इस दौरान वहां पर कोई नही रहता केवल पुजारी द्वारा ही मंदिर की पूजा मध्य रात्रि में किया जाता है।
कालीमठ मंदिर में शीला एवं मंदिर
कालीमठ मंदिर में काली शीला, रक्त शीला, प्रेतशिला, मातवशीला और चंद्रशिला हैं। और मंदिर में एक अखण्ड ज्योति है को सदा जलते रहती है।
कालीमठ मंदिर और कालीदास से जुड़ी कथा
kalimath mandir के विषय में कहा जाता है की यहीं पर प्रसिद्ध महाकवि कालीदास ने मां काली के आशीर्वाद से मेघदूत की रचना की थी और यही वो स्थान है जहां पर कालीदास ने मां काली की स्तुति की थी।
information related to kalimath mandir
कालीमठ मंदिर से जुड़ी जानकारी यदि आप हमसे शेयर करना चाहते हैं तो हमें कॉमेंट कर इसकी जानकारी आप आसानी से दे सकते हैं।
बहुत खूब लेख
Bahut khub lekh likha hai
dhanyawad sir