उत्तराखण्ड जहाँ रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिये काटे दस सर दशोली रामायण मिलान बैरास कुण्ड Uttarakhand place related to ramayana ravan Bairas kund chamoli hindi beras kund

बैरास कुण्ड Bairas kund chamoli
thanks to Rishab and manoj

उत्तराखण्ड देवो की धरती के नाम से विख्यात है इसी वजह से इसे देव भूमि के नाम से जाना जाता है एवं पौराणिक कथाओ में से अधिकतर घटना पात्र इसी धरती से जुड़े हैं इनमे से एक है बैरास कुण्ड जहाँ रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये काट दिये थे अपने सर

Bairas kund Nandprayag uttarakhand बैरास कुण्ड नंदप्रयाग उत्तराखण्ड

बैरास कुण्ड नंदप्रयाग उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में स्थित है जहाँ पर पानी का कुण्ड, यज्ञ स्थल, रावण शिला और मनोरम प्राकृतिक सौन्दर्य उपस्थित है यह स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यन्त महवपूर्ण है जो की रामायण से एवं ऋषि वशिष्ट से सम्बन्ध रखता है यह वही स्थान है जहाँ पर रावण ने अपनी इच्छाये पूरी करने के लिये तप किया और अपने दसों सिरों की आहुतियाँ दि थी |

कार्तिक स्वामी (उत्तराखण्ड में एक मात्र कार्तिकेय मन्दिर)

रावण Ravana

रामायण में रावण एक अहम किरदार थे जिनमें अनेक बुराइयाँ थी परन्तु रावण बुराइयों से ही नही अपनी बुधि के कारण भी जाने जाते हैं वे अनेक सिद्धियाँ प्राप्त कर चुके थे और उन्हें पण्डित के रूप में भी जाना जाता है, रोचक बात यह है की रावण ने तप करने के लिये जो स्थान चुना था वह स्थान था उत्तराखण्ड के चमोली का नंदप्रयाग घाट जहाँ रावण ने स्वयं महादेव को प्रसन्न करने के लिये अपने दस सरो की आहुति दे दि थी दशोली के इस स्थान में प्रमाण त्रेता युग से जुड़े आज भी मिलते हैं |

बैरास कुण्ड से सम्बन्धित पौराणिक कथा mythology related to Beras kund chamoli

बैरास कुण्ड त्रेता युग के रामायण के पात्र रावण से सम्बन्धित स्थान है माना जाता है की यह वही स्थान है जहाँ पर रावण ने महादेव को प्रसन्न करने के लिये तप किया था और जब महादेव तप से भी प्रसन्न न हुये तो रावण ने एक के बाद एक अपने दसो सिरों को काट दिया था जिसके बाद भगवान शिव प्रसन्न हुये और भगवान शिव ने रावण को दर्शन दिये और रावण की मनोकामना पूर्ण की |

इस स्थान पर रावण ने अपने दसो सिरों को शिव को अर्पित किया था जिस वजह से यहाँ आसपास की जगहें दशोली के नाम से विख्यात हुयी, यहाँ कुण्ड और रावण शिला भी उपस्थित है जहाँ पर रावण के उंगलियों के निशान भी मौजूद हैं |

दशोली को पहले दशमौलि के रूप में भी जाना जाता था जो की वर्तमान में दशोली के रूप में विख्यात है, यह मन्दिर स्वयं महादेव शिव को अर्पित है और माना जाता है की यहाँ मांगी मन्नत पूरी होती है, एवं यहाँ पर शिव रात्रि के समय मेले का आयोजन किया जाता है यदि आपको भी इस स्थान की कथा रोचक लगी तो जरुर आयें |

bairas kund timing बैरास कुण्ड आने का समय

बैरास कुण्ड आप कभी भी किसी भी समय आ सकते हैं यह स्थान दर्शनीय स्थल है और आप इस स्थान पर आकर अद्भुत शान्ति महसूस करेंगे, एवं यदि आप मेले के शौकीन हैं तो आप शिवरात्रि के दौरान यहाँ आ सकते हैं शिवरात्रि के दौरान यहाँ मन्दिर समिति द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है और सुबह चार बजे से आप मन्दिर में दर्शन कर सकते हैं |

पंचबद्री उत्तराखण्ड

बैरास कुण्ड उत्तराखण्ड के नजदीकी स्थान beraas kund uttarakhand near by places

बैरास कुण्ड उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में स्थित है यह स्थान चमोली के घाट ब्लॉक के अंतर्गत आती है जहाँ की नजदीकी स्थान ग्वाड, पगना, नंदप्रयाग हैं बैरास कुण्ड कर्णप्रयाग से नजदीक ही स्थित है आपको यदि बैरास कुण्ड तक पहुचना है तो आपको पहले नजदीकी स्थान कर्णप्रयाग या गोपेश्वर पहुचना होगा जहाँ से आप आसानी से नंदप्रयाग तक पहुच जायेंगे और फिर आप किसी भी गाड़ी से बैरास कुण्ड तक पहुच सकते हैं |

नंदप्रयाग चमोली Nandprayag chamoli

नंदप्रयाग चमोली जनपद में स्थित है जो की दो शब्दों से मिलकर बना है नन्द + प्रयाग, यह स्थान दुसरे प्रयाग के रूप में प्रचलित है जहाँ पर अलकनन्दा और नंदाकिनी दो नदियों का संगम होता है |

बैरास कुण्ड सम्बन्धित सुझाव एवं जानकारी Bairaas kund information and suggestions

बैरास कुण्ड से सम्बन्धित जानकरी हमारे द्वारा इस आर्टिकल में आपको अधिक से अधिक प्रदान करने की कोशिश की गयी गई है यदि किसी प्रकार का सुझाव जानकारी आपके पास बैरास कुण्ड चमोली से सम्बन्धित है तो आप हमे कमेंट या ईमेल कर जानकारी प्रदान कर सकते हैं ईमेल करने के लिये यहाँ क्लिक करें|

 

सिद्ध पीठ चन्द्र बंदनी मन्दिर

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