उत्तराखण्ड कर्णप्रयाग चमोली जिले के बीच सिमली गौचर,कर्णप्रयाग चमोली Karanprayag chamoli uttrakhand a city middle of Chamoli near simli gauchar karnaprayag chamoli

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कर्णप्रयाग चमोली karanprayag chamoli

कर्णप्रयाग चमोली जिले के बीचों-बीच बसा शहर है और रोचक बात यह है की चमोली जिला उत्तराखंड के बीच में स्थित बहुत बड़ा जिला है एक तरह से कह सकते है कि अगर आपको चमोली में किसी भी ओर जाना हो तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प कर्णप्रयाग होगा, क्योकि कर्णप्रयाग चमोली के बीच में बसा शहर है और यहाँ से सभी स्थान लगभग समान दुरी और आसानी से पहुचा जा सकता है।

 

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पी. जी. कॉलेज कर्णप्रयाग में प्रवेश कैसे लें

कर्णप्रयाग से निकटतम स्थान ( nearby places from karanprayag )

गोपेश्वर, जोशीमठ , थराली , गैरसैण , पोखरी ( Gopeswar, joshimath, tharali, gairsain, pokhari )

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origin of karanprayag name कर्णप्रयाग नाम की उत्पत्ति

कर्णप्रयाग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है कर्ण + प्रयाग
कर्णप्रयाग नाम से जुडी दो कथाये हैं जिनमे से एक महाभारत के आधार पर है तो दूसरी पिंडर नदी से जुडी है कर्णप्रयाग भोगोलिक एवं एतिहासिक दृष्टी से महत्वपूर्ण स्थान रखता है एवं वर्तमान में चमोली जिले के केन्द्र में स्थित है |

पहली कथा के अनुसार

कर्णप्रयाग में दो नदियों का संगम है जिसमें से एक पिंडर और दूसरी अलकनंदा है ,कहा जाता है की पिंडर जो की इस संगम पर मिलने वाली दो नदियों में से एक है  का एक नाम कर्ण है और जबकि दुसरा शब्द प्रयाग है प्रयाग शब्द से अर्थ नदी संगम से होता है, जिससे इन दोनों अर्थो को एक साथ जोड़ने पर कर्णप्रयाग शब्द बनता है ।

दूसरी कथा के अनुसार

कर्णप्रयाग स्थान दूसरी कथा के अनुसार महाभारत काल के पात्र कर्ण से जुड़ा है जो की सूर्य पुत्र थे और कर्णप्रयाग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है कर्ण और प्रयाग, जहाँ कर्ण से अर्थ महाभारत के पात्र सूर्य पुत्र कर्ण से है और प्रयाग शब्द का अर्थ संगम है इस स्थान पर अलकनन्दा एवं पिण्डर नदियों का संगम यानी दो नदियों का मिलन होता है जिसके कारण इसे पंचप्रयाग में से एक माना जाता है |

माना जाता है कि जिस स्थान पर आज कर्ण मंदिर स्थित है वह स्थान कभी जलमग्न हुआ करता था और केवल इस स्थान का ऊपरी भाग ही जल से ऊपर था, और इस स्थान पर श्री कृष्ण द्वारा सूर्य पुत्र कर्ण को मुखाग्नि अपनी हथेली पर दि गयी थी ,जिसके बाद वह स्थान कर्णशिला के नाम से जाना जाने लगा।

वर्तमान में इस स्थान पर श्री कर्ण-कृष्ण मन्दिर स्थित है जो कि देहरादून – गोपेश्वर टैक्सी स्टैण्ड और पोखरी स्टैण्ड से निकट स्थित है मंदिर में प्रागंण स्थित है और बैठने के लिये स्थान बना हुआ है और नजदीक ही अलकनंदा और पिंडर का संगम इस स्थान से अत्यन्त ही दर्शनीय स्थल है और निकट संगम के तट पर हर शाम गंगा आरती होती है जिससे मन को शान्ति की प्राप्ति होती है और वर्तमान में यह संगम तट नमामि गंगे योजना द्वारा और भी अधिक सौंदर्य से परिपूर्ण हो गया है
karna mandir

 

 

कर्णप्रयाग का विवरण description of karanprayag –

कर्णप्रयाग में कर्ण मंदिर स्थित है जहाँ पर बैठने की व्यवस्था है यह मंदिर सड़क के ठीक बगल में और अलकनन्दा पिण्डर नदी संगम पर स्थित है मंदिर में भगवान सूर्य और कृष्ण की बहुत बड़ी और सुंदर मूर्तियां है जिन्हें देखकर आपको आश्चर्य अवश्य होगा।  कर्णप्रयाग में निकट उमा मन्दिर एवं घाट पर मंदिर समूह स्थित है जो की त्रिवेणी घाट पर स्थित है और यहाँ पर अलकनंदा और पिंडर नदी का संगम होता है |

कर्णप्रयाग में मौसम weather of karanprayag

कर्णप्रयाग मौसम की दृष्टि से अलग ही है जहाँ गर्मियों में अत्यधिक गर्मी और ठण्ड में अत्यधिक ठण्ड होती है हालाँकि कर्णप्रयाग में बर्फ नही गिरती परन्तु निकट पोखरी ,नौटी, गैरसैंण और जोशीमठ में और साथ ही गोपेश्वर मे अत्यधिक हिमपात होता है जो की प्राकृतिक सुन्दरता को समेटे हुये है |

 

 

Karnaprayag view pokhari pul

कर्णप्रयाग में गेस्ट हाउस guest house in karanprayag

कर्णप्रयाग में रहने के लिए अनेक गेस्ट हाउस, होटल उपलब्ध है जिसका प्रायः कारण टूरिज्म है क्योकि चमोली जिला अपने आप में बहुत ही विशाल है और जिले में अनेक दर्शनीय स्थल मौजूद हैं और अनेक स्थलों तक पहुचने के लिये आपको कर्णप्रयाग से होते हुये ही जाना होता है और कर्णप्रयाग से आने जाने की सहूलियत और रुकने की व्यवस्था होती है जिससे अधिकतर यात्री रात को इसी स्थान पर रुकते हैं साथ ही कर्णप्रयाग में GMVN स्थित है। 

tungnath temple panchkedar

 

कर्णप्रयाग पहुचने का मार्ग way to reach karanprayag –

 कर्णप्रयाग के निकट 20 मिनट की दूरी पर हवाई पट्टी भी है पर यह वर्तमान में चालू नही है अतः आपको सड़क मार्ग से ही कर्णप्रयाग में पहुचना होगा यहाँ आप उत्तराखंड के किसी भी स्थान से आसानी से पहुच सकते है ।
देहरादून से आपको ऋषिकेश , रूद्रप्रयाग,  कर्णप्रयाग चमोली ( Rishikesh, rudraprayag, karanprayag ) पहुचना होगा।
और कुमाऊ से आपको अल्मोड़ा जिले ( almora district ) से होते हुए आप आसानी से पहुच सकते है।

कर्णप्रयाग के निकट प्रसिद्व स्थान near places from karanprayag

फूलो की घाटी , बद्रीनाथ , आदिबद्री , चाँदपुर गढ़ी ( गढ़वाल राजा का महल ) , तुंगनाथ , व्यास गुफा , नीति – माणा , औली , उमा देवी मंदिर (valley of flower, Badrinath, chandpur gadi, Tungnath, Vyas gufa, niti- mana, Auli, Uma devi temple)

 कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखण्ड Karanaprayag chamoli uttrakhand

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