जब अष्टवसु ऋषि वशिष्ठ के श्राप से पतित हो गए थे तब यहीं की थी महादेव की अर्चना वसुकेदार कर्ण प्रयाग – पोखरी मोटर मार्ग चमोली Ashta vasu prayed Mahadev shiva Karanaprayag pokhari road Vasukedar shiva temple
वसुकेदार चमोली जिले में एक दर्शनीय शिव मन्दिर है केदार खण्ड में उल्लेख अनुसार कहा जाता है कि यहां भगवान शिव स्वयंभू लिंग स्वरूप में ध्यनास्थ विराजमान हैं और इस स्थान पर श्रद्धा के साथ पूजा करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
वसुकेदार महादेव खाल Vasukedar Mahadev Khal
वसुकेदार महादेव का मंदिर चमोली जिले के कर्ण प्रयाग – पोखरी मार्ग पर स्थित है मंदिर तक पहुंचने के लिए गाड़ी की कोई समस्या नहीं है आने और जाने के लिए आसानी से गाड़ी मिल जाती हैं सड़क मार्ग जटिल और थोड़ा खतरनाक मोड़ो से भरा है इसलिए गाड़ी को ध्यानपूर्वक चलाए।
वसुकेदार मन्दिर तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी सी पैदल यात्रा करनी होगी सड़क मार्ग से आप खाल नामक स्थान तक पहुंच पायेंगे जिसके बाद आपको लगभग 1.5 किमी. की दूरी पैदल ही तय करनी होगी परन्तु खाल से मन मोह लेने वाला दृश्य गौचर का दिखाई पड़ता है साथ ही उच्चे – उच्चे पहाड़ भी दिखाई पड़ते हैं जो कि काफी लुभावने हैं, इसके बाद मंदिर के लिए पैदल यात्रा शुरू होती है जिसमे आप प्रकृति का आनन्द लेते हुए आगे बढ़ेंगे साथ ही आपको बीच मे यात्रा के दौरान कुछ मंदिर भी दिखाई देंगे जो कि देखने में अच्छे लगते हैं।
वसुकेदर सड़क मार्ग Way to Vsukedar
वसुकेदार तक सड़क मार्ग अत्यन्त सरल है जहां तक आप आसानी से पहुंच सकते हैं आप उत्तराखण्ड के किसी भी स्थान से यहां यानी वसुकेदार तक आसानी से सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है साथ ही यदि आपको रहने की कोई दिक्कत हो तो आप नजदीक ही पोखरी, रुद्रप्रयाग, कर्ण प्रयाग में विश्राम कर सकते हैं इन सभी स्थानों पर लॉज, होटल, जी.एम.वी.एन. इत्यादि आपको आसानी से मिल जायेंगे।
- उत्तराखण्ड – देहरादून – रुद्रप्रयाग – कर्ण प्रयाग – वसुकेदार
- उत्तराखण्ड – देहरादून – रुद्रप्रयाग – पोखरी बाईपास – वसुकेदार
- उत्तराखण्ड – हल्द्वानी – अल्मोड़ा – चमोली – कर्ण प्रयाग – वसुकेदार
वसुकेदार मंदिर प्रांगण Basukedar Temple
वसुकेदार मंदिर सड़क से ऊपर की ओर चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है मंदिर का प्रांगण काफी बड़ा है जहां पर भक्त बैठ सकते हैं या इधर – उधर बिना किसी रोकटोक के जा सकते हैं मंदिर के साथ ही अनेक छोटे – छोटे मन्दिर समूह लगे हुए हैं वसुकेदार मंदिर प्रांगण में शिवरात्रि के दिन भीड़ और भी बढ़ जाती है परन्तु मंदिर प्रांगण बड़ा है जिस वजह से यहां किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती ।
वसुकेदार से जुड़े तथ्य Vasukedar information
वसुकेदार भगवान शिव का मंदिर है जिसका उल्लेख केदार खण्ड में भी मिलता है कहा जाता है कि यहां भगवान शिव ध्यनावस्था में विराजमान हैं एवं मंदिर में भगवान शिव की जो कोई भी पूजा अर्चना पूरे रीति, श्रद्धा – भक्ति से करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
वसुकेदार मंदिर से जुड़ी अन्य कहानी Vasukedar mandir Story
वसुकेदार मन्दिर से जुडी कहानी में कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ द्वारा जब एक बार अष्ट वशु को जब श्राप दिया गया एवं अष्ट वसु जब श्राप से त्रस्त हो गए तब उन्होंने यहीं महादेव की आराधना की थी, जिसके बाद अष्ट वशु ने पुनः अपने पद को प्राप्त किया था ।
वसुकेदार से जुड़े पौराणिक लेख Ancient things related to Vasukedar Temple chamoli
वसुकेदार का उल्लेख केदार खण्ड में मिलता है जिसमे कहा गया है कि इस स्थान पर भगवान शिव ध्याना वस्था विराज मान हैं यह स्थान अलकनंदा नदी के पार्श्व में अष्ट वसु नाम के पर्वत पर है महादेव के स्वयंभू लिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों के दु:खो का नाश हो जाता है और मनवान्छित फल की प्राप्ति होती है।
वसुकेदार से जुड़ी जानकारी Information related to Vasukedar mahadev karanprayag
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