शक्ति जिठाई माता बरमोला शक्ति के नाम से प्रसिद्ध चमोली में होने वाली प्रचलित यात्रा गैरसैण कर्णप्रयाग जोशीमठ डोली शक्ति माता Shakti mata Barmola shakti mata maa shakati mata chamoli Kansuwa
माँ बरमोला शक्ति माता जिठाई माता, शक्ति माता के नाम से प्रसिद्ध कांसुवा से कर्णप्रयाग, गैरसैण फिर जोशीमठ, नारायण बगड़ छः महीने की यात्रा हर 12 साल में आयोजित होती है माता का माईका है गैरसैण ब्लॉक के गांव में, क्षेत्र भ्रमण पर आती है माता की डोली पुरे चमोली में
शक्ति माता Shakti Mata
शक्ति माता को जिठाई माता, बरमोला शक्ति के नाम से भी जाना जाता है माता की डोली हर 12 साल में क्षेत्र भ्रमण के लिए निकलती हैं जिस दौरान डोली कांसुवा से कर्णप्रयाग फिर गैरसैण अंत में जोशीमठ तक पहुचती है रोचक तथ्य यह है की इस दौरान यात्रा को पूरा होने में लगभग 6 माह का समय लगता है परन्तु यात्रा के हर पढ़ाव पर भक्तों द्वारा बड़े ही हर्षों-उल्लास से जिठाई माता का स्वागत किया जाता है |
यात्रा के दौरान शक्ति माता का जिस गाँव में पढ़ाव होता है उसी गांव के लोग सभी जत्रियों यानी यात्रियों के रहने की व्यवस्था करते हैं साथ ही खाने को माता के साथ आये लोगो द्वारा ही बनाया जाता है बस गांव वालों को रहने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाता है अन्य सभी कार्यों को उनके द्वारा ही किया जाता है |
बरमोला शक्ति माता या जिठाई देवी की कथा Barmola shakti | Jithai devi story
जिठाई माता की बेहद रोचक कथा है जो की चमोली जिले के गैरसैण ब्लॉक से शुरू होते हुए कांसुवा तक जाती है :-
इसमें पहला चरण है की माता का माईका गैरसैण से लगभग 15 किमी० की दुरी पर स्थित बामडुवा ग्वाड नामक गांव में है इस दौरान जब माता को कंडी में ले जाया जा रहा था तब ले कर जाने वाले व्यक्ति को थकान लगने पर कंडी को विश्राम के लिए जैसे ही नीचे रखा गया उसके बाद माता जिठाई की कंडी उस स्थान से उठ नही पायी जिस कारण उसी स्थान पर बाद में माता को स्थापित किया गया |
बरमोला शक्ति माता की जब पूजा अर्चना की बात आई तो माता ने भक्तो के माध्यम से बताया की मेरा पुजारी बामडुवा ग्वाड, गैरसैण में है और पुजारी बरमोला हैं उन्हें लेकर आओ जिसके बाद बरमोला पंडित जी वहां गए और उसके बाद से ही माता की डोली से पुरे क्षेत्र के भ्रमण की शुरुवात हुई |
शक्ति माता यात्रा, चमोली से जुड़ी जानकरी Shakti Mata, chamoli Hindi
शक्ति माता यह यात्रा आज बरमोला शक्ति / जिठाई माता / शक्ति माता के रूप में जानी जाने लगी और आज यह माता का ही आशीर्वाद है की यात्रा को पूरा होने में ही 6 महीने से अधिक का समय लग जाता है और चमोली के अधिकाश क्षेत्र में यात्रा की जाती है साथ ही लोगो की अटूट श्रधा माता में है माता के क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोग दूर – दूर से दर्शन करने पहुचते हैं और माता से खुशहाली की मन्नत भी करते हैं |
जिठाई माता रात्रि विश्राम के समय कार्यक्रम Jitai mata night programe
जिठाई माता Jithai mata में रात्रि विश्राम के समय कुछ कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनमे से कुछ देवताओं की कहानी, पुरानी प्रथा के अनुसार होते हैं तो कुछ नए कार्यक्रम भी जोड़े गए हैं जिनमे में पारम्परिक नृत्य , कहानी के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चमोली जिले के रम्माण की कुछ झलक देखने को भी मिली जिसमे लोगो द्वारा विभिन्न प्रकार के वेश धारण कर गाय, वृद्ध, माता के विभिन्न रूपों का सजीव चित्रण किया गया |
यह जानकारी चमोली जिले के गैरसैण ब्लॉक के ग्राम हरसारी में माता के रात्रि विश्राम पढाव के दौरान जमा की गयी है रात को अनेक कार्यक्रम और एक दिन के रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन माता की डोली अपने अगले पढाव के लिए चली जाती है|
शक्ति माता जानकारी का श्रोत Source of shakati mata story
शक्ति माता यात्रा के दौरान बाग सिंह जी द्वारा माता से जुडी जानकारी हमारे साथ साझा की गयी जिसे हमने आपके साथ साझा किया है |
शक्ति माता से जुडी जानकारी Information related to shakati mata in hindi
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