चन्द्रबदनी मंदिर टिहरी गढ़वाल Maa Chandra badani Mandir near Srinagar Garhwal Tehri garhwal Uttrakhand chandra bandini mandir chandra badini pin 249121
Chandra bandani maa माँ चन्द्र बदनी
- Maa chandra bandani Situated at Tehri Garhwal टिहरी गढ़वाल
- जिला (District) टिहरी गढ़वाल Tehri garhwal near Bagwan kirtinagar
- माँ चन्द्रबदनी मंदिर का अर्थ (Meaning the name of Chandra badni)
माँ चन्द्र बदनी नाम का रहस्य Maa chandra bandani temple name reason
चन्द्र बदिनी वह स्थान जहाँ पर भगवान शिव की पत्नी माँ सती का बदन भगवान विष्णु के दर्शन चक्र से कटकर गिरा था उस स्थान को आज माँ चन्द्रबदनी मंदिर Maa Chandra Bandani temple के नाम से जाना जाता है !
Jay Maa chandra bandni जय माँ चन्द्र बंदिनी
सिद्धिपीठ चन्द्रबदनी माँ (ख़ास-पट्टी, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड)। “चंद्रकूट पर्वत पर बिराजमान माँ चन्द्रबदनी का अदभूत व अलौकिक दिव्य मंदिर..”
माँ के श्री चरणो में कोटि-कोटि नमन , कोटि-कोटि अभिनंदन। (from fb)
(note.map Maa chandra bandani temple described location is District location not temple location).
माँ चन्द्रबदनी मंदिर About Temple Maa chandra badani
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Mata Chandra bandini मंदिर इतना भव्य है कि आप मंदिर को सामने से देखने पर चौक जाएंगे और मुह से वाह निकल ही आएगा मंदिर में भीड़ वेसे तो रोज ही लगी होती है पर नवरात्रो में यहाँ अधिक लोग आते है मंदिर में ढोल – दमाऊ की आवाज मन को मोह लेती हैऔर मंदिर में एक मुख्य द्वार जाते ही थोड़ा बगल से है जबकि बाहर आने के लिए द्वार सीधे आगे की ओर है मंदिर के बाहर चार मुर्तिया है जबकि अंदर शिला के अंदर माँ की झलक देखने को मिलती है ।
माँ चन्द्रबदनी मंदिर तक कैसे पहुचें Path For Maa Chandra bandini
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Story of Maa chandra bandani temple in Hindi or Mythology माँ चंद्र बदनी मंदिर की कहानी
from chandrabandani |
कनखल नगरी हरिद्वार (Kankhal nagri or Haridwar) के नरेश राजा दक्ष द्वारा यज्ञ के दौरान बेटी सती (sati)के पति महादेव शिव (Mhadev shiv) को ना बुलाने पर सती यज्ञ हो रहे स्थान पर पहुचती है और पिता से वाद विवाद होने पर यज्ञ में प्राणों की आहुति दे देती है यह बात जब महादेव शिव (Mhadev Shiv)को पता चलती है तब शिव क्रोधित हो तांडव करने लगते है और राजा दक्ष का सर धड़ से अलग कर देते है ।
माँ चन्द्रबंदिनी मंदिर Maa chandra bandini mandir
और तदउपरांत शिव ( Lord shiva ) सती का शव कन्धे पर धर तांडव जारी रखते है यह तांडव इतना भयंकर होता है कि पूरी सृष्टि कापने लगती है जिसे देख देवी देवता जग रक्षक विष्णु (Vishnu)के पास चलते है और पूरा व्याख्यान सुनाते है जिसे सुन विष्णु जी को आभाष होता है कि जब तक शिव के पास शव रहेगा तब तक उनका क्रोध शांत न होगा अतः शव को शिव से दूर करना पड़ेगा!
और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) अपने सुदर्शन चक्र से शिव की अर्धांगिनी के शरीर के टुकड़े करने लगते है और शरीर के सुदर्शन चक्र से 51 भाग हो जाते है और ये भाग जहाँ-जहाँ गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ (shakti pith) कहा जाता है जिनमे से एक माँ चन्द्रबदनी (Maa chandrabandani)का भव्य मंदिर है। इस जगह पर माँ का बदन गिरने की वजह से इसे चन्द्रबदनी मन्दिर (chandra bandni) कहते है।
Maa Chandra Bandani माँ चन्द्र बदनी मंदिर
दोस्तो अपको पोस्ट के माद्यम से माँ चन्द्रबदनी,मंदिर टिहरी गढ़वाल के सम्बन्ध काफी जानकारी तो मिल ही गयी होगी जैसे मंदिर विवरण पहुचने का जरिया,रास्ता,मंदिर इतिहास और मन को मोह लेने वाले दृश्य आपके लिए ऐसी ही अनेक कहानिया,रोचक इतिहास के तथ्य ,जानकारी वेबसाइट पर लगातार उपलब्ध कराई जा रही है और हम आपके आभारी है कि आपने अपनी रुचि दिखाई हमे आपके सुझाव का इंतजार रहेगा सुझाव के लिए कमेन्ट बॉक्स का प्रयोग करें।
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