Manish Lingwan Tehri Badiyar Garh Buransh research Rhododendron arboreum मनीष लिंगवाण बड़ियारगढ़ टिहरी IIT mandi Himachal
मनीष लिंगवाण पहाड़ी बुरांश में खोजा ऐसा केमिकल जो मदद करेगा कोरोना से लडने में आई.आई. टि. मंडी, जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी, हे. न. ब. ग. वि. वि. श्रीनगर गढ़वाल के रह चुके हैं छात्र।
मनीष लिंगवान टिहरी गढ़वाल Maneesh Lingwan Tehri
मनीष लिंगवाण उत्तराखण्ड के होनहार छात्र जिन्होंने प्रदेश का नाम पूरी दुनिया को सुनने पर मजबुर कर दिया है जिसकी वजह है पहाड़ी फूल, जी हां पहाड़ी फूल
बुरांश buransh
बुरांश एक प्रकार का फूल है जो पहाड़ी राज्यो में बेहद ऊचाई पर मिलता है यह लाल रंग का होता है स्थानीय लोग इस फूल को बेहद पसंद करते हैं लोकगीतों, स्थानीय भाषा में बुरांश के बारे में सुनने को मिलता है साथ ही लोग जूस, स्क्वैश बनाने में इस फूल को काम में लाते हैं यही नहीं इस फूल के और भी कई फायदे हैं लोग इन्हें कई प्रकार की बीमारियों के उपचार के लिए भी काम में लाते हैं।
बुरांश का वैज्ञानिक नाम Rhododendron arboreum
बुरांश के फायदे
बुरांश का प्रयोग औषधीय रुप में बेहद प्रभावी होता है बुरांश का प्रयोग अनेक प्रकार के रोगों में किया जाता है यह फूल उत्तराखण्ड में आसानी से मिल जाता है जिसे लोग जंगल जाकर आसानी से प्राप्त करते हैं और फिर आवश्यकता अनुरूप उपयोग करते हैं जैसे जेम, जूस, स्क्वैश इत्यादि बुरांश का उपयोग :-
1. सर दर्द
2.खासी
3. सम्बन्धी रोगों में
4. सांस सम्बन्धी रोग
5. दाद
6. शरीर में जलन इत्यादि जैसे अनेक रोगों से लडने में मदद करती है।
कोरोना के लिए कैसे होगा मददगार anticorona chemical found in Buransh
मनीष लिंगवाण जो कि इस शोध टीम का हिस्सा रहे हैं ने बताया कि जब हमने बुरांश के बारे में शोध करना शुरू किया तो हमने कुछ ऐसे रसायनों की खोज की जिन्हें फाइटोकेमिकल्स कहते हैं जो की कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी हैं यह शोध टीम के निष्कर्ष ‘बायोमोलेक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डायनेमिक्स’ नामक जर्नल में हाल में प्रकाशित किए गए हैं।
शोध करने वाले दल में आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्याम कुमार मसकपल्ली, डॉ. राजन नंदा और ICGIB, दिल्ली की डॉ. सुजाता सुनील ने किया. इसके अलावा शोध-पत्र के सह-लेखक डॉ. मनीष लिंगवाण, फलक पहवा, अंकित कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, योगेश पंत, शगुन, बंदना कुमारी और लिंगराव वी.के. कामतम हैं
दरसअल दुनिया कोरोना से बेहद प्रभावित हुई है जिससे आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, मृत्यु दर बढ़ गई है इस वजह से वैज्ञानिक लगातार खोज में लगे हैं कि किस तरह संक्रमण को रोकें और वैक्सीन के अलावा किस प्रकार इस संक्रमण को रोका जाए, जिसमें ऐसे केमिकल की खोज जो बुरांश से प्राप्त हो और कोरोना को रोकने में प्रभावी हो बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।
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मनीष लिंगवाण की शिक्षा
मनीष लिंगवाण की शुरुवाती शिक्षा अपने ही नजदीकी स्कूल से हुई जिसके बाद उनकी शिक्षा जवाहर लाल नवोदय विद्यालय टिहरी से हुई जिसके बाद ग्रेजुएशन गढ़वाल के हे.न.ब. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से की, और फिर वे पी. जी. के लिए जी. बी. पंत उधम सिंह नगर चले गए जहां से एम. एस.सी. कर वे आईआईटी पहुंचे और आज उस ग्रुप का हिस्सा बने जो की कोरोना पर रिसर्च कर रही है और बुरांश से ही वो केमिकल तैयार किया गया है।
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