Tapkeshwar mahadev temple Dehradun uttarakhand Mahabharata saint Drona Ashwathama Dwapar Era टपकेश्वर महादेव मन्दिर देहरादून महाभारत द्रोणाचार्य अस्वथामा द्वापर युग
Tapkeshwar temple is an ancient cave situated in Dehradun near from bus stand Dehradun, and have a mythological importance cave is related with Mahabharata character St. Drona and his son Ashwathama also related with Dwapar era
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Tapkeshwar Temple at Dehradun देहरादून में टपकेश्वर महादेव
टपकेश्वर महादेव उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून जिले में स्थित है जहाँ की टपकेश्वर मन्दिर मुख्य शहर से लगभग 6 किमी. की दुरी पर सड़क से नजदीक स्थित है सड़क से जूडी सीढ़ियां हैं जो की आपको सीधे मन्दिर की ओर ले जाती हैं सीडियो से जब आप मन्दिर की ओर जाते हैं तो आपको सीढ़ियों से लगी हुई 1857 के शहीदों के फोटो दिखाई देंगे जो की आपका ध्यान अपनी ओर जरुर आकर्षित करेंगी, इसके बाद सीढ़ियों और मन्दिर के बीच एक छोटा-सा पुल है जिसके नीचे की ओर नदी बहती है, और पुल से पहले ही मन्दिर की गुफा शुरू हो जाती है |
यहाँ देखें तुंगनाथ मन्दिर
टपकेश्वर मन्दिर गुफा Tapkeshwar Temple Cave
टपकेश्वर मन्दिर का अर्थ :- टपकेश्वर मन्दिर दो शब्दों से मिलकर बना है टप – पानी का रिसना या टपक कर गिरना और केश्वर– अभिषेक जिसका अर्थ है पानी से बारों महीने जला अभिषेक होना |
रोचक बात गुफा में स्थित स्वयंभू लिंग की यह है की यहाँ बारह महीने पानी लिंग के ऊपर टपकता तो रहता है परन्तु यहाँ आसपास कोई भी पानी का स्रोत नही है और नीचे की ओर लगभग 7 फिट की गहराई पर पानी बहता रहता है परन्तु पानी कहाँ बहता है और कहाँ से आता है यह बात अभी तक स्पष्ट नही हो पाई है |
टपकेश्वर मन्दिर सीढ़ियों से नीचे उतरते ही बगल में नदी किनारे स्थित है गुफा के सामने एक गेट बना हुआ है जिससे होते हुए आप अंदर की ओर जायेंगे इसके बाद अंदर अनेको मूर्तियाँ बनी हुई है जिसमे विष्णु-लक्ष्मी, राधा-श्री कृष्ण, गाय, गणेश जी की जैसी अनेको मूर्तियाँ स्थित है, यहाँ हर शिव रात्रि को भारी भीड़ होती है जिसका कारण यह है की यहाँ जो भी शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक करता है उसकी मन्नत पूरी हो जाती है, यहाँ लिंग के नजदीक एक नाग हर समय रहता है जिसका कारण पता नही चल पाया है |
टपकेश्वर महादेव देहरादून से जुडी पौराणिक कथा Mythological story of Tapkeshwar Mahadev Dehradun
टपकेश्वर मन्दिर से जुडी चार कहानियाँ हैं जिनमे से 2 महाभारत से जुडी हुई हैं और एक द्वापर युग से जुडी है एवं इसके अलावा मन्दिर से जुडी मन्नत की एक और मान्यता है जो की नीचे जोड़ी जा रही हैं –
टपकेश्वर मन्दिर से जुडी पहली कथा First story related to Tapkeshwar temple
कहा जाता है की द्वापर युग में टपकेश्वर मन्दिर में स्थित लिंग के ऊपर दूध से जलाभिषेक होता था जो कलयुग में आते-आते पानी में बदल गया और अब यहाँ बारह महीने पानी से स्वयंभू लिंग का जल से अभिषेक होता है |
टपकेश्वर महादेव से जुडी दूसरी कथा second story related to tapkeshwar temple
महाभारत के समय की दो कथाये इस गुफा से जुडी हैं जिसमे से एक यह है की ऋषि द्रोण जब धनुर विद्या सीखना चाहते थे तो वे हिमालय की ओर चल दिये ओर जब वे हिमालय पहुचे तो उन्होंने इसी स्थान पर भगवान शिव से धनुर विद्या ग्रहण की जहाँ स्वयं महादेव रोज़ आकर ऋषि द्रोण को धनुर विद्या का ज्ञान देते थे|
टपकेश्वर गुफा देहरादून से जुडी तीसरी कथा Third story related to Dehradun Tapkeshwar
इस गुफा से जुडी महाभारत की एक और कथा है जिसके अनुसार इसी स्थान पर महाभारत के एक अहम किरदार अश्वथामा जन्म हुआ था और यहीं उन्होंने 6 माह तक कठोर साधना की थी |
देहरादून गुफा से जुडी चौथी कथा Fouth story of Cave Dehradun
टपकेश्वर गुफा देहरादून से जुडी एक मान्यता है की यहाँ गुफा में दिवार पर गणेश जी की एक प्रतिमा है जिस पर सिक्के चिपकाने का प्रचलन है और माना जाता है की यदि आपके द्वारा चिपकाया गया सिक्का प्रतिमा पर रह जाये या चिपक जाये तो आपकी मन्नत पूरी हो जायेगी
टपकेश्वर मन्दिर से जुड़े सुझाव Suggestion for Tapkeshwar Temple uttarakhand
टपकेश्वर महादेव से जुडी अधिक से अधिक जानकारी हमने यहाँ जोड़ी है यदि किसी प्रकार की त्रुटी यहाँ हुई है या आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमे ईमेल कर या कमेंट कर जानकारी प्रदान कर सकते हैं हमें ईमेल करने के लिये क्लिक करें
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