तुलसी हिंदी ओसिमम सेक्टम कृषि आय स्रोत संघटक जलवायु फसल कटाई उत्पादन तुलसी का महत्त्व तुलसी के फायदे हिंदी Tulsi importance hindi income medicine and more
Tulsi तुलसी भारत में औषधीय एवं शुभ पौध मानी जाती है बहुत कम जानते हैं इसके व्यापारिक महत्व तुलसी की कृषि और संघटक के बारे में तुलसी हर तरह से घर में काम में लिया जाता है माला बनाई जाती है दवाई बनाई जाती है
तुलसी
तुलसी जानकारी
साधारण नाम -. तुलसी
व्यापारिक नाम – तुलसी
वानस्पतिक नाम – Ocimum tenuiflorum
ओसिमम सेक््टम
कुल – लेमिएसी
प्रयुक्त भाग – पत्ती, पंचाग
प्रमुख सक्रिय संघटक तुलसी
तुलसी Tulsi के पौधे के मुख्य घटक यूजीनोल, बीटा इलीमीन, -8 सिनीयोल, बीटा कैरियोफाइलिन आदि हैं।
तुलसी के औषधीय उपयोग
तुलसी का औषधीय उपयोग बुखार, गला खराब, किडनी स्टोन्स, हृदय सम्बन्धी रोगो, श्वास,थकान तथा त्वचा रोगों , नेत्र रोगों , दाँतों की बिमारियों , सिरदर्द आदि में प्रयुक्त किया जाता है।
तुलसी के लिए भूमि और जलवायु
तुलसी के कृषिकरण के लिए दोमट, बलुई मिट्टी, जिसमें जीवाश्म को पर्याप्त मात्रा हो, इसकी अच्छी बढ़त में सहायक होती है। यह पौधा सम शीतोषण क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकती है तुलसी का प्रवर्धन एवं प्रसारण मुख्यत : बीजो द्वारा किया जाता है।
तुलसी फसल अवधि तुलसी एक वर्षीय फसल है लेकिन तुलसी की खेती मुख्यतया दो उद्देश्यों के लिए की जाती है। सीधे
पत्तों को बिक्री हेतु तथा तेल निकालने हेतु दोनों ही स्थितियों में मुख्य खेत में पौध 90-95 दिन के हो जाए तथा इन पर
लगी मंजरिया पूर्णतया विकसित हो जाए तब इन्हे काट लिया जाता है।
तुलसी के लिए ऊंचाई– तुलसी के कृषिकरण के लिए समुद्रतल से 300 से 2500 मी ऊंचाई उपयुक्त है।
रोपण- तुलसी के रोपण के लिए जून माह का समय उपयुक्त है।
तुलसी की पौध संख्या– तुलसी के कृषिकरण के लिए पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी से 45 सेमी रखी जाय तो 975 पौध प्रति नाली
तथा 48 ,750 पौध/हैक्टेयर की आवश्यकता होती है।
तुलसी सिंचाई , निराई -गुडाई एवं खरपतवार नियंत्रण- तुलसी की पौध को प्रारभिंक दिनों 3-3 दिन के अंतराल पर
सिंचाई कर देने से अच्छी प्रकार जढ़ पकड लेती है तद् उपरान्त 7 से 0 दिन में एक बार सिंचाई करनी चाहिए। एक माह
के उपरान्त फसल की निराई-गुडाई की आवश्यकता पडती है।
तुलसी फसल कटाई
तुलसी के उत्पादन तथा सक्रिय संघटक की दृष्टि से सितम्बर का माह उपयुक्त होता है लेकिन रोपण के
90 से 95 दिन के बाद फसल की कटाई की जाती है।
तुलसी का औसतन उत्पादन – तुलसी का औसतन उत्पादन 50 – 60 कि0ग्रा0/ नाली पंचाग तथा 2 ,500 किए0ग्रा0 से 3,000
कि0ग्रा0 प्रति है0 पंचाग का उत्पादन होता है।
तुलसी का बाजार दर से मूल्य
- तुलसी के पंचाग का वर्तमान दर रु0 50 रु0 से 200 र० प्रति किग्रा0 तक होता है।
- आय-व्यय का विवरण
- कपिकरण लागत प्रति है0- रु 30,000 प्रति है0
- कुललाभरु०. _-₹ 37,500 प्रति है0
- शुद्ध लाभ -रु7,500 प्रति है0
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