देवरिया ताल उत्तराखण्ड में स्थित एक सुन्दर ताल also called deoria Tal sometime known as Devria Tal Uttrakhand belongs to Mahabharata Devaria tal
Devriya Tal देवरिया ताल
उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिल्ले में सुन्दर ताल देवरिया ताल स्थित है ताल में देखने पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री, गंगोत्री, चौकम्बा और नीलकंठ की चोटियां दिखाई देती है देवरिया ताल रुद्रप्रयाग से 49 किमी. की दुरी पर स्थित है यहाँ पर यात्री ट्रैकिंग के लिए ही अधिकतर आते है यात्रा में आपको अनेक मनोरम स्थल देखने को मिलेंगे और यदि आपको यहाँ रात हो जाये तो यहाँ पर रात को रुकने की उचित व्यवस्था होती है रुकने के लिये आप लॉज या धर्मशाला का इस्तेमाल कर सकते हैं |
यहाँ है उत्तराखण्ड का एक मात्र कार्तिकेय भगवान का मन्दिर
देवरिया ताल तक To Deoria tal
देवरिया ताल उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है देवरिया ताल तक पहुचने के लिये आपको सबसे पहले श्रीनगर गढ़वाल उसके बाद रुद्रप्रयाग या कर्णप्रयाग तक पहुचना होगा जिसके बाद आप रुद्रप्रयाग से सड़क से होते हुये उखीमठ तक पहुचेंगे उखीमठ से आपको आसानी से दुसरी गाड़ी से होते हुये ताल के लिये सफ़र तय करना होगा, सड़क मस्तूरा और सारी गाँव तक जाती है जिसके बाद आगे का सफ़र तय होगा|
ताल तक सड़क नही जाती जिसकी वजह से आपको पैदल यात्रा करनी होगी जिसे ट्रैकिंग कहते हैं ट्रेकिंग कर आप प्रकृति के सुन्दर नजरों का आनन्द ले सकते हैं और रास्ते में आप सुन्दर प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते हुये आगे का सफ़र तय करेंगे, ट्रेकिंग लगभग 2-3 किमी है जो की अत्यन्त मनोरम है |
देवरिया ताल की महाभारत से जुडी कथा Devria tal story related to Mahabharat
देवरिया ताल से महाभारत काल की एक बड़ी ही रोचक कथा जुडी है जिसके अनुसार पांडव जब वनवास पर थे तब उन्हें एक बार पानी की बहुत प्यास लगी थी तब पांडव पानी पीने के लिए एक तालाब के निकट जाते हैं जहां उनसे पानी पीने से पूर्व कुछ प्रश्न किए जाते है परन्तु चार पांडव भाइयो द्वारा सही उत्तर न देने पर वे मुर्छित हो जाते हैं जिसके बाद युधिष्ठिर अपने भाइयो की खोज में आते हैं , जहाँ उन्हें सभी भाई मुर्छित अवस्था में मिलते हैं जिसे देख वे अत्यतं दुखी हो जाते हैं |
इसके बाद युधिष्ठिर की भेंट यक्ष महाराज से होती है तथा यक्ष द्वारा वचन देने पर की यदि युधिष्ठिर द्वारा उनके सभी प्रश्नों का सही उत्तर दे दिया जाय तो यक्ष उनके सभी भाइयो को जीवित कर देंगे |
इसके बाद युधिष्ठिर द्वारा हामी भरने पर यक्ष जी द्वारा निम्न प्रश्न पूछे गये
प्रश्नः सूर्य किसकी आज्ञा से उदय होता है ?
उत्तरः परमात्मा यानी ब्रह्मा की आज्ञा से।
प्रश्नः मनुष्य का साथ कौन देता है ?
उत्तरः धैर्य ही मनुष्य का साथी होता है।
प्रश्नः कौन सा शास्त्र (विद्या) है, जिसका अध्ययन करके मनुष्य बुद्धिमान बनता है ?
उत्तरः कोई भी ऐसा शास्त्र नहीं है। महान लोगों की संगति से ही मनुष्य बुद्धिमान बनता है।
प्रश्नः भूमि से भारी चीज क्या है ?
उत्तरः संतान को कोख़ में धरने वाली मां, भूमि से भी भारी होती है।
प्रश्नः आकाश से भी ऊंचा कौन है ?
उत्तरः पिता।
प्रश्नः हवा से भी तेज चलने वाला कौन है ?
उत्तरः मन।
अंत में युधिष्ठिर द्वारा सभी प्रश्नों के सही उत्तर देने पर यक्ष द्वारा उनके सभी भाइयो को जीवित कर दिया गया |
देवरिया ताल से जूडी दूसरी कथा another story of Devria Tal
देवरिया ताल से एक अन्य कथा यह भी है की देवरिया ताल को पुराणों में इंद्र सरोवर भी कहा गया है, जिसका कारण यह है की देवता इस ताल में स्नान करने आते थे जिस कारण इसे इंद्र सरोवर के नाम से भी जाना जाता है
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देवरिया ताल से जुडी जानकारी एवं सुझाव Information related to Devria tal
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यहाँ है विश्व का सबसे ऊचाई पर स्थित भगवान शिव का मन्दिर
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