SGRR darbar sahib Sri Guru Ram rai darbar sahib Dehradun jhanda mela janda mela near paltan bazar श्री गुरु राम राई दरबार साहिब देहरादून
देहरादून नाम कैसे पड़ा? श्री गुरु राम राई दरबार साहिब, झंडा मेला, औरंगजेब और कैसे कैसे पहुंचे श्री गुरु राम राई साहिब तक हिंदी में दरबार साहिब देहरादून पलटन बाज़ार
दरबार साहिब तक मार्ग way to Darbar sahib
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब उत्तराखण्ड के देहरादून में है देहरादून उत्तराखण्ड की ग्रीष्म कालीन राजधानी है यहां आप उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों से आसानी से पहुंच सकते हो चाहे वह सड़क मार्ग हो या हवाई या ट्रेन मार्ग।
सड़क मार्ग By Road Gurudwara Raipur
देहरादून दरबार साहिब तक पहुंचने के लिए आप उत्तराखण्ड के जिस भी जगह से हैं आपको नीचे दिए जिलों से होते हुए रास्तों (जिल्लों) के नाम को फॉलो करना होगा
कुमाऊं – अल्मोड़ा – चमोली – रुद्रप्रयाग – पौड़ी – टिहरी – ऋषिकेश – देहरादून
हवाई मार्ग By Air Gurudwara Dehradun
देहरादून यहां आप जल्दी भी पहुंच सकते हैं बस जौलीग्रांट एयरपोर्ट का टिकट बुक कीजिए और आप देहरादून में हैं।
ट्रेन मार्ग By train darbar sahib Dehradun
दरबार साहिब पहुंचने के लिए आप चाहें तो ट्रेन की टिकट बुक कर भी पहुंच सकते हैं जिससे आप आसानी से देहरादून में पहुंच जाएंगे फिर बस आपको बस घंटा घर तक पहुंचना होगा जहां से पलटन मार्केट होते हुए आप आसानी से दरबार साहिब पहुंच सकते हैं ।
श्री गुरु राम राई दरबार साहिब, क्लॉक टॉवर SGRR darbar sahib clock tower
श्री गुरु राम राई दरबार साहिब उत्तराखण्ड के देहरादून जनपद में स्थित है दरबार साहिब का इतिहास देहरादून के नाम के साथ ही शिक्षा, प्रसिद्ध झंडा मेला से जुड़ा है।
दरबार साहिब, देहरादून Darbar sahib, Dehradun
दरबार साहिब देहरादून, के बारे में कहा जाता है कि पहले धमावाला में एक गुरुद्वारा (मंदिर) हुआ करता था जिसके बाद बाद में भवन का निर्माण किया गया था सन 1707 में भवन निर्माण पूरा हुआ था, कहते हैं कि मुगल बादशाह औरंगजेब भी श्री गुरु राम राय जी से प्रभावित था और औरंगजेब ने अपने समकक्ष राजा फतेह शाह से दरबार साहिब की हर संभव मदद करने के लिए कहा था साथ ही दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र, संतो एवं कहानियों के चित्र हैं यहां नजदीक में ही तालाब को भी भी पुनर्जीवित किया गया है ।
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देहरादून नाम कैसे पड़ा Dehradun Name
देहरादून नाम गुरु हर राय जी के ज्येष्ठ पुत्र श्री गुरु राम राय द्वारा 1676 में अपना डेरा “दून” घाटी में स्थापित करने के बाद, वर्तमान में इस स्थान को देहरादून के नाम से जाना जाता है ।
दरबार साहिब Darbar sahib
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