पोस्ट ऑफिस गैरसैंण चमोली चोरों ने 32 लाख की चोरी की पर चोरो ने ऐसी कौन सी गलती की पकड़े गये न कैमरे में दिखे न कोई सुराख़ फिर कैसे उत्तराखण्ड की चमोली पुलिस ने चोरो को पकड़ा Post office gairsain chamoli 32 lacs theft no clue found how chamoli police worked
गैरसैंण पोस्ट ऑफिस से फिल्मी स्टाइल में शातिर चोरों ने 32 लाख की चोरी की न कैमरे में दिखे न लॉकर तोड़े ना ही कोई सबूत छोड़ा तो फिर उत्तराखण्ड की चमोली पुलिस ने इन चोरो को इतनी बड़ी रकम के साथ कैसे पकड़ा, पुलिस ने 30 किलोमीटर तक के cctv कैमरे खंगाल डाले थे जिसके बाद चोरो की एक छोटी सी गलती ने पकडवा दिया |
पोस्ट ऑफिस गैरसैंण
पोस्ट ऑफिस गैरसैंण जो की उत्तराखण्ड के चमोली जिले में है यहाँ आम दिनों की तरह लेनदेन चल रहा था पर किसको पता था लोग अपने काम से पोस्ट ऑफिस आ रहे थे फिर रोज की तरह शाम हुयी पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने ऑफिस बंद किया और चले गये पर होनी को कुछ और ही थी कुछ चोर जो कई महीनो से पोस्ट ऑफिस का मुआईना कर रहे थे अपने इरादों को अंजाम देने वाले थे इस बात से अंजान सभी आम लोग अपने रोज के काम निपटा कर घर पर आराम कर रहे थे |
पोस्ट ऑफिस गैरसैंण डाकघर
गैरसैंण पोस्ट ऑफिस उप डाकघर है जहाँ की 50 हजार की लिमिट है वहाँ इतनी बड़ी रकम होना और उसकी चोरी होना सबके लिये हैरान करने वाली घटना है बता दें यह घटना 10 जुलाई की रात को अंजाम दि गयी थी जिसमे चोरो ने पहले दरवाजे की कुण्डी तोड़ी फिर अन्दर दाखिल हुये चोर छोटी मोटी चोरी को अंजाम देने के नजरिये से आये थे पर जब वो अन्दर आये और उनकी नजर कंप्यूटर टेबल की दराज में रखे पैसो पर पड़ी तो सोने पर सुहागा हो गया फिर क्याह चाहिए था चोरो ने पैसे उठाये फिर पार्सल पर हाथ साफ़ कर दिया जिसमे भी उनके हाथ महंगे सामान लगे और चोर अपने एग्जिट प्लान से फरार हो गये |
अगले दिन जब एक व्यक्ति ने उप – डाकपाल हिमांशु नेगी फ़ोन पर बताया की डाकघर का ताला टूटा हुआ है वहाँ उप – डाकपाल पहुचे और यह सुचना पुलिस को दि जिसके बाद पुलिस ने तप्तिश शुरू की बता दें चोरो शनिवार का दिन चुना क्योकि रविवार को छुट्टी रहती है और खबर मिलने में देरी हो और कैमरे की नजर से भी बचने में ये चोर कामयाब हो गये थे जिससे ये साफ़ हो जाता है की चोर किसी शातिर और फिल्मी अंदाज में चोरी करने के इरादे से पूरी तैयारी के साथ आये थे |
32 लाख के चोरो का बैकग्राउंड
चोरी को अंजाम देने वाले चोर किसी बहुत बड़े घर से नही थे और ना ही कोई सॉलिड बैकग्राउंड था ये कुल मिलाकर तीन चोर थे इनमे से एक तो पहले भी दो बार हवालात की हवा खा चूका था एक बार लक्ष्मीनगर दिल्ली और एक बार चौखुटिया थाना में, वजह बाइक चोरी |
आपके मन में उठने वाले सवाल
प्रश्न – चोर सी.सी.टी.वी. कैमरे में क्यों नही दिखे, चोरो ने सी. सी. टी. वी. कैमरे के साथ क्या किया था ?
प्रश्न – चोर आये कहाँ से और गये कैसे ?
प्रश्न – बिना सुराख़ के चोर कैसे पकडे गये ?
ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब पाने के लिये हमने इस पूरी जांच को अंजाम देने वाली चमोली पुलिस के थाना गैरसैंण प्रभारी सुभाष जखमोला जी बात की जिसमे उन्होंने शुरू से अंत तक की पूरी जांच के विषय में बताया :
थाना प्रभारी सुभाष जखमोला जी भले व्यक्तित्व के व्यक्ति है उनसे बात करने के दौरान उन्होंने पूरी तरह सहयोग किया और बताया की युवाओ को चाहिए की वो आगे बढ़े, पढ़े लिखे देश का नाम रोशन करें |
पुलिस द्वारा 32 लाख की चोरी की जांच
सुभाष जखमोला जी थाना प्रभारी गैरसैंण ने बताया की बीते 10 जुलाई को डाकघर गैरसैंण में चोरी की खबर मिलते ही मौके पर पुलिस की टीम भेजी गयी और जांच के लिये टीम बनाई गयी
जब पुलिस मौके पर पहुची तो पता चला की पोस्ट ऑफिस में भारी नकदी थी जो की डबल लाकर होने के बाद भी कंप्यूटर टेबल की दराज में रखी गयी थी और साथ ही कुछ पार्सल थे जिन्हें चोर अपने साथ ले गये और चोरो ने
पहले पोस्ट ऑफिस का दरवाजा तोडा उसके बाद अन्दर जाकर चोरी को अंजाम दिया |
जब चोर पकडे गये थे तो उन्होंने बताया की हमें इस बारे में तो कोई जानकारी नही थी की अन्दर इतना कैश होगा हम तो बस सामान की चोरी और कुछ पैसो की चोरी के इरादे से अन्दर दाखिल हुये थे |
परन्तु बड़ा सवाल यह था की जब चोर cctv कैमरे में भी नही दिखे ना ही आते जाते दिखे तो फिर चोर कैसे पकडे गये थे ?
जिसका जवाब देते हुये जखमोला जी ने कहा की ये चोर काफी शातिर हैं पहले भी इनमे से एक चोरी की वजह से पकड़ा गया था और काफी समय से चोरी की प्लानिंग ये तीनो कर रहे थे CCTV कैमरे की नजर में ये चोर इसलिए नही आये थे क्योकि ये तीनो चोर रेंगकर CCTV कैमरे के नीचे से गये थे और कैमरे में कोई हरकत ही रिकॉर्ड नही हो पायी |
इस सवाल के जवाब में थाना प्रभारी जी ने जवाब दिया की चोर कितना भी शातिर हो पकड़ा जाता है कहावत है “चोर की दाड़ी में तिनका” चोर प्लानिंग भी कर चुके थे और कैमरे से भी बच गये थे परन्तु आजकल हर जगह CCTV कैमरे लगे हैं चोरों ने एक बाईक का इस्तेमाल किया था जो की उस रात अकेली बाईक थी जिस पर नंबर प्लेट नही लगी थी और गैरसैंण से मेहलचौरी (गैरसैण से लगभग 12 किलोमीटर की दुरी पर स्थान) के बीच तो गयी थी परन्तु उसके बाद कहीं नजर नही आयी, परन्तु इसमें ख़ास बात यह थी की चोरो की चोरो की पहचान इससे नही हो पायी और बाईक पर नंबर प्लेट भी नही थी |
जिससे चोरो को पकड़ने में पुलिस को अच्छी खासी मेहनत करनी पढ़ी चोरों की बस अब बाईक का रंग पुलिस को पता था और यह घास में सुई ढूढने जैसा था पर चोर अब तक फरार थे और चोरी के पैसो से ऐश कर रहे थे पर इसका अंदाजा पुलिस को था क्योकि यह बड़ी रकम थी और यह जनता का पैसा था अब दबिश तेज़ कर दि गयी और इस जाँच में मेहलचौरी थाना और माईथान थाना ( गैरसैण से नजदीकी थाने) को भी जोड़ा गया क्योकि अब ये पक्का हो चूका था की चोर चौखुटिया की तरफ ना जाकर माईथान से होते हुये गये हैं और चोर चौखुटिया (गैरसैण से लगभग 30-35 किलोमीटर दुरी पर स्थित स्थान) से आगे नही गये हैं
अब यह सब पुलिस को यकीन हो चूका था की चोर गैरसैण – चौखुटिया के बीच का ही है
अब आखिरी प्रश्न था की चोरो का पता पुलिस ने कैसे लगाया ?
एक बार लोकेशन कन्फर्म होने के बाद पुलिस ने कुछ स्थानों पर लोगो पर नजर रखी जहाँ देखा गया की कुछ लडके जिन पर पहले भी अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं अनावश्यक खर्च कर रहें हैं साथ ही बाईक भी खरीदी है और तो और इनमे से एक बाईक चोरी की भी है फिर क्या था पुलिस ने लडकों के घर का पता निकाला और साथ ही बैंक अकाउंट की जांच की जिसमे ऐसा कोई स्रोत नही मिला जिससे ये साफ़ हो सके की लडको के पास इतना रुपया कहाँ से आ रहा है ?
इसके बाद पुलिस ने इन लडकों को शक के बिनाह पर पूछताछ की जिसके बाद लडको ने खुद ही सारी बात उगल डाली और इन तीनो शातिर चोरो को गिरफ्तार किया |
आरोपित 32 लाख की चोरी को अंजाम देने वाले चोरो की पहचान
कैलाश नेगी उम्र 21 वर्ष
नरेंद्र सिंह उम्र 40 वर्ष
राजेंद्र गिरी उम्र 21 वर्ष
पोस्ट ऑफिस गैरसैंण से 32 लाख चोरी करने वाले चोरो से बरामद सामान
20 लाख रूपये नगद।
01 लाख 40 हजार रूपये की केटीएम बाइक।
01 एप्पल आईफोन कीमती लगभग 70 हजार रूपये।
26 हजार रुपये के दो मोबाइल फोन (रियलमी एवं ओप्पो ब्रांड)
01 लैपटॉप कीमत लगभग 50 हजार रूपये।
02 लाख 50 हजार रूपये आरोपियों ने खाने-पीने खर्च कर दिए
मामले की जाँच के लिये बनाई गयी जांच टीम
थाना गैरसैंण प्रभारी सुभाष जखमोला जी ने बताया की पुरे प्रकरण की जांच में पूर्ण सहयोग सहयोगीयो द्वारा दिया गया जिसमे मुख्य रूप से थाना प्रभारी गैरसैंण सुभाष जखमोला जी, कांस्टेबल अजित, देवेन्द्र बिष्ट, हरेन्द्र मोतला, आशुतोष तिवाड़ी, रविन्द्र रावत, सतेन्द्र सिंह एवं साथ ही थाना मेहलचौरी इनचार्ज भारद्वाज जी और माईथान थाना से नितिन बिष्ट ने पुरे मामले को सुलझाने में सहायता की |
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