Maha mrityunjay mantra Hindi महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र प्रसन्न होते हैं शिव महामृत्युंजय मंत्र Maha mrityunjay mantra✅✅✅
पूराणों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र से भगवान शिव जल्दि प्रसन्न होते है और मन्त्र जाप करने वाले जातक
से मृत्यु भी डरती है श्रावन मास में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सौ गुणा ज्यादा फल मिलता है।
महामृत्युंजय मंत्र Mahamrityunjay mantra
हौं जूं सः। ॐ भूः भुवः स्वः ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । ॐ सः जूं हौं।
महामृत्युंजय मंत्र भावार्थ Maha Mrityunjaya mantra
हम तीन नेत्र वाले भगवान शंकर की पूजा करते हैं जो प्रत्येक श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेल-रूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बंधनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं तथा आपके चरणों की अमृतधारा का पान करते हुए शरीर को त्यागकर आप ही में लीन हो जाएं और मोक्ष प्राप्त कर लें!
महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति maha mrityunjay mantra origin
ऋषि मार्कण्डेय नामक ऋषि हुआ करते थे परंतु शादी के बाद भी उन्हें पुत्र प्राप्ति नही हुई जिसकी वजह से ऋषि एवम उनकी पत्नी दुखी रहते थे फिर ऋषि को ध्यान आया जगत के परमेस्वर तो स्वयं शिव है जबकि ऋषि को यह ज्ञात था कि उसके योग में पुत्र नही है पर उन्हें शिव का ज्ञान था कि शिव तो किस्मत को आसानी से बदल सकते है अतः ऋषि ने शिव की आराधना की और शिव से वरदान भी प्राप्त कर लिया और शिव ने उन्होंने पुत्र वरदान भी दिया और साथ में कहा यह पुत्र दुख का भी स्रोत होगा क्युकी इस पुत्र की मृत्यु 12 वर्षो में हो जाएगी जैसे जैसे दिन बढ़ते रहे पुत्र मार्कण्ड की माँ का दुख बढ़ने लगा आखिर एक दिन ऐसा भी आया कि माँ ने पुत्र को अल्पायु होने की बात बता दी।
Mahamrityunjay mantra महामृत्युंजय मंत्र
यह सुन पुत्र से माँ पिता का दुख देखा ना गया और उसने पुनः शिव की अराधना कर विधि के विधान को बदलने का निश्चय कर लिया और फिर महा मृत्युंजय मंत्र की रचना की और मंत्र का जाप करने लगा अराधना करते हुए आखिर वह दिन भी आ गया जब बालक की मृत्यु का समय आ गया ।
Mahamrityunjay mantra महामृत्युंजय मंत्र
मृत्यु समय पर यम दूत आ पहुचे और बालक की बढ़ने लगे यह देख बालक मंत्र का जाप तेज़ तेज़ करने लगा और मंत्र की सकती इतनी प्रबल थी कि यम दुत भी बालक पर हाथ डालने का साहस न कर पाए और वे वापस लौट आये ।
Mahamrityunjay mantra महामृत्युंजय मंत्र
सारा वाकया यम को बता यम ने स्वयं आने का मन बना लिया जब यम बालक को लेने पहुचे तो फिर क्या था बालक फिर जोर जोर से महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने लगा पर यम कहाँ रुकने वाले थे वो बालक की ओर बढ़ने लगे यह देख बालक शिव लिंग पकड़ उससे चिपक गया और यम बालक की ओर बढ़ते गए और जैसे ही बालक को यम ने छुवा स्वयं महादेव प्रकट हो उठे यह देख यम थम से गये शिव ने कहा हे यम ! क्या तुम्हें नजर नही आ रहा बालक अराधना में है यह देकर भी तुम इसे ले जाने का प्रयत्न कैसे कर सकते हो।
Mahamrityunjay mantra महामृत्युंजय मंत्र
और बालक की श्रद्धा देख शिव ने बालक को दीर्घ आयु का वरदान दिया और यम को वापस लौट जाने का आदेश दे दिया।
Mahamrityunjay mantra महामृत्युंजय मंत्र
और शिव ने कहा जो भी संसार मे इस मंत्र का उच्चारण करेगा वह दीर्घ आयु प्राप्त करेगा तभी से यह मंत्र दीर्घ आयु हेतु उच्चारित किया जाता है।
उत्तराखंड का नाम सुनते ही दिल मे एक अलग भाव आजाता है में 10 साल उत्तराखंड हरिद्वार खड़खड़ी में रहकर अध्यन क्या आज में अपने घर असम में हु ।दिल खुश होजाता है उत्तराखंड का नाम सुनकर ।
धन्यवाद सर