दिल्ली में दौड़ते हुए फेमस हुए प्रदीप मेहरा की कहानी अल्मोड़ा निवासी Delhi running boy pradeep mehra information in hindi

प्रदीप मेहरा (अल्मोड़ा) जो रातों रात सभी दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते हुए बने सबके चहीते क्या है उनके घर की हालत, कैसे रहता है उनका परिवार?

घर से प्रदीप मेहरा

प्रदीप के घर की हालत बेहद खराब है घर की हालत ऐसी कि पिता कंकड़ तोड़कर करते हैं गुजारा, और आठ बाई बारह के मकान में करते हैं गुजारा

कहां के हैं प्रदीप  pradeep mehra

प्रदीप उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जनपद के रहने वाले हैं अल्मोड़ा में एक ब्लॉक है जिसे चौखुटिया नाम से जाना जाता है बोली है कुमाऊनी, जैसा कि आपने वीडियो में भी सुना होगा वो बोली है कुमाऊनी प्रदीप चौखुटिया ब्लॉक के ढनांण गांव के रहने वाले हैं।
प्रदीप का घर भले ही छोटा हो पर उनमें जज्बा कुट – कुट कर भरा है प्रदीप का घर आठ बाई बारह का छोटा सा घर है घर में कमरे के अलावा दूसरे के खेत में बनाया एक जर्जर रसोई घर व शौचालय है जिसे देखकर बेहद दुःख का अनुभव होता है।
प्रदीप के पिता त्रिलोक सिंह उम्र लगभग 49 वर्ष है जो मजदूरी, कंकड़ पत्थर तोड़कर करते हैं गुजरा व घर में उनकी  पत्नी बीना देवी हैं जिनकी बीमारी के बाद तो जैसे आफतों का पहाड़ टूट पड़ा प्रदीप की मां का उपचार दिल्ली में हो रहा है जिनकी देखभाल करना प्रदीप और उनके परिवार के लिए बेहद कठिन है ऊपर से शहर की भयंकर महंगाई।

प्रदीप की पढ़ाई pradeep education

प्रदीप की पढ़ाई जी.आई.सी तड़ागताल से हुई है  और वे हाईस्कूल तक ही पढ़े हैं साथ ही ध्यान देने वाली बात ये है कि पढ़ाई भी पूरी उन्होंने अपने घर से नहीं की बल्कि अपनी मौसी के घर से की जिसके बाद वे आगे नौकरी करने दिल्ली चले गए थे ।
  दोनों ने जीआईसी तड़ागताल से इंटर किया। और उसके बाद बारी- बारी दोनों नौकरी की तलाश में नोएड़ा चले गए। पिता त्रिलोक सिंह बताते हैं कि आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के कारण प्रदीप को जूनियर हाईस्कूल तक की शिक्षा के लिए उसकी मौसी के गांव असगोली भेजा गया। प्रदीप के दादा की उमेश सिंह मेहरा ने भी घोड़े में सामान ढोकर परिवार का जीविकोपार्जन किया था।

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