चमोली जिल्ले में अनुसूया मंदिर जहाँ हर साल सेकड़ो श्रद्धालु सन्तान प्राप्ति के लिए आते हैं माँ अनुसूया देवी मंदिर से कोई खाली हाथ नही जाता Anusuya devi Temple chamoli ✅✅✅
माँ अनुसूया मंदिर चमोली Maa anusuya mandir chamoli
माँ अनुसूया मंदिर उत्तराखण्ड के चमोली में स्थित है जहाँ चोपता (रुद्रप्रयाग) और गोपेश्वर से आसानी से पहुंचा जा सकता है |
मंदिर तक सड़क से पांच किमी. पैदल रास्ता चलकर पहुंचा जा सकता है और गाड़ी से कुछ दुरी तय की जा सकती है परन्तु इसके बाद आपको पैदल रास्ता ही तय करना पड़ेगा |
जहाँ आप गाड़ी से कुछ प्राकृतिक सौन्दर्य को देख नही पाएंगे वहीं आप पैदल रास्ते से सुन्दर वादियों का लुत्फ़ उठा पायेंगे |
पैदल मार्ग माँ अनुसूया माता मंदिर Maa anusuya temple pedestrian
सड़क से पैदल जाने पर पांच किमी. पैदल रास्ता है जिसमे आपको जगह-जगह पर पानी के स्रोत तो दिख जायेंगे परन्तु खाने के लिए कुछ दिक्कत का सामना करना पढ़ सकता है इसलिए नीचे से ही सामान ले लें और कृपा करके प्लास्टिक का सामन,थैले कूड़ादान में डालें रस्ते में ना फेंके |
पैदल रास्ता अपने आप में सुन्दर दृश्य समेटे आपको मंदिर के निकट ले जाता रहेगा और आपको पता भी नही चलेगा |
माँ अनुसूया देवी मेला Maa anusuya devi Fair
माँ अनुसूया देवी में हर वर्ष दिसम्बर में दत्तात्रेय जयन्ती पर मेला लगता है मेले की ख़ास बात यह है की मेला दिसम्बर में लगता है और यह स्थान अत्यधिक उच्चाई पर होने के कारण यहाँ अत्यधिक ठंड होती है परन्तु इससे भक्तो की श्रधा पर कोई प्रभाव नही पड़ता बल्कि यहाँ भक्तो का ताँता लगा रहता है रातभर भजन कार्यक्रम मंदिर समिति द्वारा आयोजित किये जातें हैं |
और मंदिर समिति द्वारा कडकड़ाती ठण्ड से बचने के लिए आग ,चाय और सूप का प्रबन्ध भी किया जाता है यही नही मन्दिर समिति और आसपास के लोगो द्वारा खाने की व्यवस्था के लिए भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिससे कोई भी श्रद्धालु भूखा ना रहे |
माँ अनुसूया देवी मेला आयोजन Maa Anusuya devi Fair organisation
माँ अनुसूया देवी मेले का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाता है और मान्यता है की वे दम्पति जो सन्तान सुख से वंचित हैं यहाँ सन्तान प्राप्ति की मन्नत लेकर आतें हैं और माँ अनुसूया देवी के दर से कोई भी खली हाथ नही जाता |
यहाँ पर पूरी रात जगकर दम्पति माँ की पूजा अर्चना करते हैं और सन्तान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं इस दौरान दंपत्ति हाथ में दिया लेकर बैठे रहते हैं जब तक की दम्पत्ति को सपना नही आता और कहा जाता है की दंपत्ति सपने के बारे में किसी को नही बताते और सपना आने के बाद मन्नत पूरी अवश्य होती है |
माँ अनुसुया देवी मंदिर Maa Anusuya devi Temple
माँ अनुसूया देवी मंदिर अत्यन्त आकर्षक और सुन्दर है मंदिर से पहले गणेश जी की मूर्ति है और मंदिर प्रांगण में शिव ,और पार्वती और माँ अनुसूया के पुत्र द्त्ताद्रेय की त्रिमुखी मूर्ति भी है |
माँ अनुसूया मंदिर कथा / मान्यता Story of Maa Anusuya devi
मान्यता के अनुसार माँ अनुसुया देवहुति और प्रजापति कदर्म की नौ कन्याओ में से एक थी माँ अनुसुया अत्री मुनि की पत्नी थी मान्यता है की अनुसूया माँ का पति-भक्ति और सतीत्व इतना अधिक था की आकाश से जब भी कोई देव गुजरता था तो उन्हें माँ अनुसूया के तेज़ का अनुभव होने लगता था जिसे देख त्रिदेवो की पत्नी में इर्ष्या का भाव उत्पन्न हो गया |
और तीनो देवियों (पारवती,लक्ष्मी और सरस्वती) ने माँ अनुसूया की परीक्षा लेने के लिए त्रिदेवो को पृथ्वी पर अत्री ऋषि के आश्रम भेज दिया
जहाँ त्रिदेव ऋषि रूप धरकर पहुचे और माँ अनुसूया द्वारा ऋषियों का आदर सत्कार किया जिसके बाद अनुसूया माँ द्वारा तीनो ऋषियों को भोजन परोशा गया परन्तु तीनो ऋषियों ने भोजन लेने से मना कर दिया |
और शर्त रखी की वे भोजन एक ही शर्त पर ग्रहण करेंगे यदि वे निर्वस्त्र होकर उन्हें भोजन परोसेंगी यह सुनकर माँ अनुसूया सोच में पढ़ गयी परन्तु इसी बीच जब उन्होंने सोचने के लिए आंखें बंद कि की उन्हें दिव्यदृष्टि से ज्ञात हो गया की यह कोई सामन्य ऋषि नही बल्कि त्रिदेव हैं जो साधू वेश बनाये हैं |
यह जान माँ अनुसूया देवी मान गयी और उन ऋषियों के सामने अपनी भी शर्त रख दि :-
की वे निर्वस्त्र होकर भोजन करायेंगी परन्तु इसके लिए ऋषियों को उनके पुत्र रूप लेकर उनका पुत्र बनना होगा जिसे सुन तीनो ऋषि पुत्र रूप ले लेतें हैं और माँ अनुसूया द्वारा तीनो ऋषियों को भोजन कराया जाता है |
इसके बाद तीनो देव यहीं रहने लगते हैं और काफी समय बाद भी देवलोक नही पहुचते और त्रिदेवो की पत्नियों द्को विवश होकर माँ अनुसूया के पास आकर माफ़ी मांगनी पढ़ती है जिसके बाद तीनो देवियों को माँ अनुसूया देवी द्वारा छमा कर त्रिदेवो को ले जाने की अनुमति मिल जाती है |
कहा जाता है की माँ अनुसूया द्वारा सीता ,राम व लक्ष्मण का अपने आश्रम में सत्कार और सीता माता को सौन्दर्य औषधि भी प्रदान की गयी थी |
मंदिर के निकट अत्रि मुनि आश्रम
अनुसूया देवी मंदिर के निकट ही लगभग 2 – 3 किमी० की दुरी पर अत्रि मुनि गुफा है जहाँ पर मुनि तपस्या करते थे यहाँ पर अत्रि मुनि की गुफा और अमृत गंगा का सुन्दर जल प्रपात दिखाई पड़ता है |
Jay Anusuya Mata
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🙏 |
Maa ansuya ke mele mai santan prapti k liye kab aana hoga
Or uske liye ragestrion krwana hai ya nhi
Please apse meri vinti hai 🙏🙏
मेला सर्दियों में होता है पिछले साल अनुसूया देवी मेला दिसंबर में हुआ था और अन्य जानकारी मिलते ही अपडेट कर दी जाएगी