Golu Devta || Golju || Golu devta Story hindi || गोलू देवता न्याय के देवता

गोलू देवता photo

Golu Devta story in hindi almora golju devta chittai mandir गोलू देवता न्याय के देवता अल्मोड़ा चितई मंदिर कहानी 263601

“Golu Devta Hindi story” गोलू देवता (गोल्जू) कुमांऊ के विख्यात न्याय के देवता जिनकी काठ की घोड़ी भी चलने लगी चिट्ठी पर अर्जियां लिखी जाने लगी गोलू देवता

गोलू देवता photo

Golu Devta

गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है गोलू का देवता का मंदिर अल्मोड़ा शहर से 10किमी० की दुरी पर चित्ई नामक स्थान पर है गोलू देवता के यहाँ सैलानियों की भीड़ लगी रहती है कहते हैं की यहाँ जो ही अपनी फरियाद कोरे कागज पर लिखता है उसकी फरियाद जरुर पूरी होती है, गोलू देवता को गोलू या गोल्जू (golju) के नाम से भी जाना जाता है |

information

Golu Devta story in hindi

Golju Devta Hindi” गोलू देवता से जुड़ी एक बेहद ही रोचक कथा है कहते हैं की गोलू देवता के पिता झालू राई थे जिनकी सात रानियाँ थी परन्तु झालू राई का कोई पुत्र नहीं था जिस कारण उन्हें बहुत बुरा महसूस होता था और वह अपने वंश को लेकर चिंतित रहते थे |

एक दिन “झालू राई” एक महात्मा से मिले और अपनी आपबीती सुनाई तब महात्मा ने उन्हें कहा की आप भैरव की तपस्या कीजिये आपकी समस्या का समाधान वही कर सकते हैं अबी झालू राई ने भगवान भैरव की तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर भगवान भैरव ने उन्हें दर्शन दिए और कहा की –

आपके जीवन में पुत्र सुख नहीं है परन्तु इस समस्या का समाधान हो सकता है की क्योकि में स्वयं अवतार लेने वाला हूँ जिसके लिए आपको आठवीं शादी करनी होगी इसे सुन राजा ने पूछा की वह स्त्री कौन है ?

outlink

दूनागिरी मंदिर हिंदी में कहानी

तब भैरव भगवान ने कहा की यह में तुम्हे नही बता सकता परन्तु तुम इंतजार करो! जिसके बाद रजा स्त्री को खोजने लगे परन्तु स्त्री नही मिली काफी समय बीत जाने के बाद राजा एक दिन वन में शिकार पर निकले काफी देर होने के बाद वन में पानी की प्यास लगने पर उन्हें एक सुन्दर सरोवर दिखा जहाँ वे पानी पीने के लिए जाने लगे इतने में जैसे ही राजा झालुराई पानी पीने लगे पीछे से आवाज आई रुकिए ये पानी आप नही पी सकते यह सरोवर मेरा है |

golju hindi

अब राजा झालुराई यह सुन कहने लगे की आप कौन हैं ? वे थी “कलिंगा देवी Kalinga devi” और राजा ने कहा की देवी में इस प्रदेश का राजा हूँ आप मुझे पानी पीने दें यह सुनकर देवी ने कहा की में कैसे यकीन कर लू की आप ही राजा हो आप पर यकीन करने के लिए आपको वे सामने लड़ रहे जानवरों को छुड़ाना होगा तब राजा द्वारा अनेक जतन करने पर भी उन दो जानवरों को अलग नही कर पाने पर उन्होंने उन्ही देवी कलिंगा से कहा आप ही कीजिये में यह करने में असर्मथ हूँ तब देवी ने उन्हें अलग किया और बताया की वे पञ्च देवों की बहन हैं और तभी राजा समझ गए की भैरव ने जिनसे शादी करने के लिए इन्तजार करने के लिए कहा था वे यहीं हैं !

तब राजा द्वारा देवी से विवाह के लिए प्रस्ताव रखा गया जिस पर देवी द्वारा उनके भाइयो से अनुमति मांगने को कहा गया और पंचदेवो को भैरव के अवतार के ज्ञान था और तब पञ्च देव ने ही विवाह की आज्ञा दे दि |

story

गोलू देवता का जन्म Birth of Golu devta

गोलू देवता का जन्म Birth of Golu devta

गोलू देवता के जन्म” से जुडी एक बेहद ही रोचक कथा है जिसके अनुसार राजा झालुराई और माता कलिंगा के विवाह के उपरांत राजा को एक पुत्र प्राप्त होता है परन्तु राजा पुत्र के पैदा होने पर कहीं बाहर गये थे और राजा की सात रानियाँ थी और उनसे पुत्र प्राप्त न होने के कारण उन्होंने सोचा की यदि इससे पुत्र प्राप्त हो गया तो राजा इसी को अधिक प्रेम करेंगे जिस कारण रानियों ने रानी कलिंगा से कहा की ज्योतिष ने कहा है की यदि जन्म के समय तुमने बालक का मुह देखा तो बालक की मृत्यु हो जाएगी और उन्होंने रानी की आँखों पर पट्टी बांध दि|

उन सात रानियों ने रानी को कहा की तुम्हारा बच्चा नही सिलवटा (पत्थर जिसमे हल्दी मिर्ची पिसते हैं) पैदा हुआ और बच्चे को एक बक्से में बंद करके बहा दिया बाद में बक्शा एक मछवारे को मिला और तब उनका भरण पोषण मछवारे द्वारा किया जाता है और

गोलू देवता का आगमन Golu devta hindi

almora golu chittai mandir
चितई गोलू देवता मंदिर

बड़ा होने पर गोलू देवता लकड़ी के घोड़े ( काठ का घोडा ) पर आते हैं जब गोलू देवता आते हैं तब सातों रानियाँ नदी किनारे बैठी हुई थी गोल्जू कहते हैं हटो मेरे घोड़े को पानी पीने दो इतने में रानियाँ हसने लगती हैं और कहती हैं लकड़ी का घोडा भी कभी पानी पीता है?

इस पर गोलू देवता बोले जब स्त्री पत्थर के सिलवटे को जन्म दे सकती है तब मेरा काठ का घोडा पानी क्यों नही पी सकता ?

अब रानियों को गुस्सा आ जाता है और वे राजा से शिकायत करती हैं तब राजा द्वारा गोलू देवता “Golu Devta” को बुलाया जाता है और गोलू देवता पुरा वाक्या सुना देते हैं जिसे सुन राजा को यकीन हो जाता है की भैरव के अवतार गोलू देवता ही हैं|

और फिर गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाने लगा और उत्तराखण्ड के कई हिस्सों में आज भी गोलू देवता के अनेक मंदिर देखने को मिलते हैं |

 

Lord of justice golu devta information in hindi

joshimath suggetion हमारे द्वारा Chittai golu devta, almora से सम्बन्धी अधिक से अधिक जानकारी प्रदान की गई है यदि आप किसी प्रकार का सुझाव या जानकारी देना चाहते हैं तो आप कॉमेंट या ईमेल के जरिए हमसे सम्पर्क कर सकते हैं | (ईमेल करने के लिए क्लिक करें)

 

उत्तराखण्ड राज्य निर्माण

Leave a Reply

We use cookies to ensure that we give you the best experience on our website.

You cannot copy content of this page