Narsingh Mandir Uttarakhand Joshimath chamoli narsingh devta hindi नरसिंह देवता मंदिर

Narsing devta mandir नरसिंह देवता उत्तराखण्ड भगवान विष्णु के पांचवे अवतार, शर्दियो में भगवान बद्री की पूजा अर्चना भविष्य बद्री चमोली

Narsingh devta mandir joshimath

Narsingh Temple Joshimath Hindi

नरसिंह देवता मंदिर जोशीमठ उत्तराखंड में स्थित है। यह मंदिर भगवान नरसिंह को समर्पित है और इसे जोशीमठ के पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। मंदिर का निर्माण स्थान जोशीमठ के शहर के ऊपरी हिस्से में है और यह बहुत ही प्राचीन है। यह मंदिर उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहां वर्ष भर में कई पूजा एवं उत्सव मनाए जाते हैं।

यह मंदिर समुद्र तल से 1,915 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तराखंड के चमोली जिले में सबसे प्रमुख श्रद्धालु स्थलों में से एक है।

नरसिंह देवता मंदिर की कहानी Hindi story narsing devta

Narsing Temple, Chamoli नरसिंह देवता मंदिर से जुडी कुछ कहानियाँ हैं जो निम्न हैं

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  • नरसिंह मंदिर के संबध में कहा जाता है की आदिगुरू शंकराचार्य ने मंदिर की स्थापना की
  • दूसरी कहानी के अनुसार पांडवों द्वारा मंदिर की स्थापना की गई
  • और नरसिंह मंदिर के सम्बन्ध में एक कहानी यह भी है की भगवान स्थानीय लोगो की रक्षा करते हैं और यहाँ मूर्ति स्वयं उत्पन्न हुई थी और भविष्य बद्री Bhavishya Badri में दर्शन से जुडी है

नरसिंह देवता मंदिर की कहानी Hindi story narsing devta 

जोशीमठ, चमोली

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गढ़वाल मार्ग नरसिंह मंदिर Garhwal marg to narsingh mandir

गढ़वाल मार्ग – देहरादून – ऋषिकेश – श्रीनगर गढ़वाल (पौड़ी) – रुद्रप्रयाग – चमोली

कुमाऊं मार्ग Kumaon marg to Narsing mandir, Joshimath

कुमाऊं मार्ग – अल्मोड़ा – चमोली

Badinath mandir pooja in winter season

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट जब शर्दियों में बंध हो जाते हैं तब नरसिंह मंदिर, जोशीमठ में ही भगवान बद्री की पूजा अर्चना की जाती है एवं श्रद्धालु बद्रीनाथ मंदिर से पहले यहीं दर्शन कर आगे बढ़ते हैं |

Lord narsingh left arm story in hindi

“Narsingh Mandir” नरसिंह मंदिर से जुडी एक कथा है जिसके अनुसार नरसिंह भगवान की मूर्ति 10 इंच की है और मूर्ति पर स्थित भगवान के बाएँ हाथ का भाग लगातार खण्डित या लुप्त हो रहा है और कहा जाता है की जिस दिन यह भुजा पूर्ण रूप से लुप्त या खण्डित हो जाएगी उस दिन बद्रीनाथ के मार्ग में पड़ने वाले नर और नारायण नाम के दो पर्वत आपस में मिल जायेंगे जिससे बद्रीनाथ में पहुचना और दर्शन करना संभव नही होगा |

और तब भगवान बद्रीनाथ के दर्शन भविष्य बद्री में होंगे यदि आप भविष्य बद्री के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तब आप हमारे नीचे दिए आर्टिकल पर क्लिक कर और अधिक जानकरी ले सकते हैं |

Narsingh Devta Mandir hindi information

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