खांकरा महादेव 120 किमी से अधिक दुरी को जोड़ती यात्रा नारायणबगड़ – मल्ली स्युणी गैरसैण थराली बधाणगढ़ी 12 वर्षों में आयोजित Khankara Mahadev jaat yatra story hindi images khankra mhadev
खांकरा महादेव चमोली जिले के नारायण बगड़ (थराली) और मल्ली स्युणी (गैरसैंण) के बीच लगभग 17-22 किमी० जंगली रास्तों, खड़ी चढ़ाई और रोमांचक प्राकृतिक दृश्यों के बीच आयोजित होती है ट्रैकिंग के लिए भी है खास
खांकरा महादेव Khankar Mahadev
खांकरा महादेव की यह यात्रा लगभग हर 12 वर्षों में उत्तराखण्ड राज्य के चमोली के गैरसैंण ब्लॉक में मल्ली स्युणी नामक गांव में आयोजित की जाती है तो वहीँ दुसरी ओर थराली ब्लॉक के बधाणगढ़ी से भी इसी प्रकार का आयोजन किया जाता है |
खांकरा महादेव की जात का मिलन प्रकृति की सुन्दरता के बीच मल्ली स्युणी गांव से लगभग 15 से 20 किमी० की दुरी पर खांकरा महादेव मंदिर में होता है जहाँ पर एक बड़ा घास का मैदान है जो की बेहद आकर्षक और एक दम चोटी पर है जहाँ से चोरों ओर के पहाड़ छोटे से दिखाई पढ़ते हैं कुछ लोगो का कहना है की जब मौसम साफ़ होता है तो यहाँ से हिमालय के पहाड़ दिखाई पढ़ते हैं|
360° view of Khankara Mahadev
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खांकरा सड़क मार्ग Way to khankra
- उत्तराखण्ड – देहरादून – रुद्रप्रयाग – चमोली
- उत्तराखण्ड – हल्द्वानी – अल्मोड़ा – चमोली
जात का आयोजन Jaat convening
खांकरा महादेव की जात का आयोजन लगभग हर बार 12 वर्षों में होता है परन्तु साल 2022 में आयोजित जात यात्रा का आयोजन 14 वर्षों बाद किया गया इसका अर्थ है की पिछली जात साल 2008 में आयोजित हुयी होगी |
खांकरा महादेव जात कहानी Story of Khankra Mhadev Hindi
खांकरा महादेव की जात आयोजन के विषय में कहा जाता है की खांकरा महादेव जंगलो में रहने वाले लोगो एवं उनके पशुओं की रक्षा करते हैं और लोगो द्वारा खांकरा महादेव के सम्मान रूप में जात (यात्रा) का आयोजन किया जाता है |
खांकर महादेव किवदंती:- खांकरा महादेव से जुडी एक किवदंती है की एक बार एक आदमी जात शुरू होने से 5 दिन पहले मंदिर तक पहुंच गया था क्योकि उसे जात का समय पता नही था तब कहा जाता है की उसे खाने की थाली आ जाती थी और पीने के लिए एक दो मुह वाला स्त्रोत-सा दिखाई पड़ता था जो की बाद में अपने आप गायब हो जाता है इस किवदंती को कुछ लोगो द्वारा बताया गया था |
आँछरी Anchari : खांकरा महादेव मंदिर का मार्ग एक लम्बा 17-22 किमी० जंगली मार्ग है एक मार्ग और बीच में पड़ने वाले जंगल के बारे में कहा जाता है की यहाँ पर आँछरी / बाह्याव (गढ़वाली शब्द) यानी की परियां रहती हैं जो इंसानों को अपने साथ ले जाती हैं, जिसका एक उदाहरण हम आपको दे सकते हैं जैसे जीतू बगड्वाल |
note: इसी लिए बड़े इस मार्ग पर जाने पर कहते हैं की अकेले ना जायें और जाये भी तो सिर्फ पहले से बने जंगली मार्ग से जाये किसी अन्य मार्ग का उपयोग न करें |
खांकरा महादेव यात्रा Way to Khankara Temple
खांकरा महादेव की जात (यात्रा) का आयोजन 5 दिन का होता है जिसमे से यात्रा के दो दिन होते हैं इन्ही दो दिनों में खांकरा महादेव की यात्रा और दोनों क्षेत्रों की जात का मिलन होता है जो की मुख्य मंदिर खांकरा महादेव में होता है |
खांकरा यात्रा में विश्राम Khankara temple relaxation Area
खांकरा यात्रा के दौरान एक रात का विश्राम जंगल के बीच औथार गाढ़ नामक जगह पर होता है जहाँ पर मल्ली स्युणी और आम लोगो द्वारा खाने की व्यवस्था यात्रियों के लिए की जाती है साथ ही यात्री अपने लिए स्वयं से ही घास के बिछोने लेकर आते हैं और कुछ लोग अपने लिए छप्पर का भी निर्माण कर लेते हैं जलाने के लिए आसपास से लकड़ी लायी जाती है, जो की कुछ-कुछ आप ये सोच लिजिये एक दिन के लिए जंगल में जीवनयापन करना-सा होता है जो की काफी अलग-सा लगता है |
खांकरा महादेव मुख्य मंदिर Khankra Mahadev Main temple
खांकरा महादेव मुख्य मंदिर विश्राम करने के अगले दिन पहुंचा जाता है जो की विश्राम स्थल से अधिक दूर नही है परन्तु खड़ी चढ़ाई है जिससे बीच में लोग रुक-रुक कर आराम करते हैं|
यहाँ पर बीच-बीच में पहाड़ों के कोनो से सुन्दर नजारे दिखाई पड़ते हैं और लोगो इन जगहों पर रूककर फोटो खिचवाते हैं फिर औथार गाढ़ (विश्राम स्थल) से लगभग 3 किमी० की दुरी तय कर मुख्य मंदिर खांकरा महादेव के समतल भाग में पहुचते हैं |
यह समतल स्थल वही भाग है जहाँ पर दोनों जगह की जात का मिलन होता है मिलन से पूर्व कुछ देर तक मांगल गीतों द्वारा भेंट होती है और इसके बाद दोनों जात के देवी-देवताओं का साथ में नृत्य होता है जो देखने में बेहद रोमांचित कर देता है साथ ही यह समतल भाग बेहद सुन्दर हरियाली से भरा हुआ जैसे घास का मैदान बेहद खुबसूरत दिखाई पड़ता है |
खांकरा महादेव मुख्य इस मैदान से लगभग 1 किमी० की उचाई पर है जहाँ जाने पर थकान का एहसास नही होता साथ ही सुन्दर छोटे-छोटे फुल इस मार्ग को और आकर्षक बना देते हैं |
खांकरा महादेव का मुख्य मंदिर प्रांगण Khankra mhadev mandir
खांकरा महादेव मुख्य मंदिर प्रागण में कुछ पेड़ों के नीचे त्रिशूल और अन्य देवी-देवताओं से सम्बन्धित वस्तुए रखी गयी हैं जिनकी पूजा अर्चना की जाती है तथा किनारे की ओर एक मंदिर है |
खांकरा महादेव का मुख्य मंदिर पत्थरों से निर्मित है जो की देखने में पहाड़ में घरों के समान दिखाई पढता है जहाँ पर सभी श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं|
खांकरा महादेव की यात्रा 2022 में रिकॉर्ड यात्री पहुचे थे जबकि यात्रा का रास्ता काफी कठिन पहाड़ी और जंगल के बीच से जाता है जिसे देखते हुए खांकरा महादेव की यात्रा में आये सभी श्रधालुओं का ह्रदय से आभार|
खांकरा महादेव से सम्बंधित सुझाव Khankara Mahadev information Hindi
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खांकर खेत की यात्रा के दौरान साथी Khankra khet partner’s
खांकर खेत की यात्रा बेहद रोमांचक और सुन्दर दृश्यों से भरी थी और मंदिर समिति द्वारा और गांव के द्वारा अनेक प्रकार से साथ यात्रियों का दिया गया, एवं हम अपने सभी साथियों का जिन्होंने इस यात्रा में हमारा साथ दिया धन्यवाद करना चाहते हैं
- प्रताप सिंह,
- हरेन्द्र सिंह,
- चन्दन सिंह,
- कुलदीप सिंह,
- दान सिंह नेगी,
खांकरा महादेव से जुडी कुछ सुन्दर फोटो
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