उत्तराखण्ड राज्य निर्माण 9 नवम्बर 2000 उत्तराँचल नामकरण राज्य पुर्नगठन के कारण उद्देश्य एवं सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार उत्तरखण्ड में Uttarakhand state restruture brief view uttrakhand hindi
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के उद्देश्य, उत्तराखण्ड राज्य की मांग उत्तरांचल से उत्तराखण्ड नामकरण राजनितिक उथल पुथल और उत्तराखण्ड में आपदाओं का प्रकोप देवभूमि उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड राज्य का अर्थ meanin of uttarakhand state
Uttarakhand District Names
Garhwal Division Dehradun गढ़वाल मण्डल के जिले
- Haridwar
- Chamoli
- Rudraprayag
- Tehri Garhwal
- Uttarkashi
- Pauri Garhwal
- Almora
- Nainital
- Pithoragarh
- U S Nagar
- Bageshwar
- Champawat
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची uttarakhand chief minister list
Sl. No. |
Chief Ministers of Uttarakhand |
From |
To |
Party |
1 |
Nityanand Swami |
Nov 9, 2000 |
Oct 29, 2001 |
BJP |
2 |
Bhagat Singh Koshiyari |
Oct 30, 2001 |
Mar 1, 2002 |
BJP |
3 |
N. D. Tiwari |
Mar 2, 2002 |
Mar 7, 2007 |
INC |
4 |
B. C. Khanduri |
Mar 8, 2007 |
Jun 23, 2009 |
BJP |
5 |
Ramesh Pokhriyal Nishank |
Jun 24, 2009 |
Sep 10, 2011 |
BJP |
6 |
B. C. Khanduri |
Sep 11, 2011 |
Mar 13, 2012 |
BJP |
7 |
Vijay Bahuguna |
Mar 13, 2012 |
Jan 31, 2014 |
INC |
8 |
Harish Rawat |
Feb 1, 2014 |
March 27, 2016 |
INC |
(President’s rule) |
March 27, 2016 |
April 21, 2016 |
N/A |
|
9 |
Harish Rawat |
April 21, 2016 |
April 22, 2016 |
INC |
(President’s rule) |
April 22, 2016 |
May 11, 2016 |
N/A |
|
10 |
Harish Rawat |
May 11, 2016 |
Mar 18, 2017 |
INC |
11 |
Trivendra Singh Rawat |
Mar 18, 2017 |
Mar 10, 2021 |
BJP |
12 |
Tirath Singh Rawat |
Mar 10, 2021 |
July 04, 2021 |
BJP |
13 |
Pushkar Singh Dhami |
July 04, 2021 |
Incumbent |
BJP |
उत्तराखण्ड में राज्य पुनर्गठन से लेकर अब तक मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन, रोजगार, सड़क, पानी, और बिजली (ऊर्जा) के मुद्दे मुख्य रूप से रहे हैं जिनपर पुर्नगठन से आजतक कार्य हुआ है परंतु ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जो इन्ही मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं |
उत्तराखण्ड के राज्यपालों की सूची
Sl.No |
Governor |
From |
to |
1 |
Baby Rani Maurya |
August 26, 2018 |
Incumbent |
2 |
Krishan Kant Paul |
January 8, 2015 |
25 August 2018 |
3 |
Aziz Qureshi |
May 15, 2012 |
7 January 2015 |
4 |
Margaret Alva |
August 6, 2009 |
14 May 2012 |
5 |
Banwari Lal Joshi |
October 29, 2007 |
5 August 2009 |
6 |
Sudarshan Agarwal |
January 8, 2003 |
28 October 2007 |
7 |
Surjit Singh Barnala |
November 9, 2000 |
7 January 2003 |
उत्तराखण्ड राज्य की राज्य आन्दोलन की घटनाएँ
- खटीमा गोलीकाण्ड 1 सितंबर, 1994 (काला दिन)
- मसूरी गोलीकाण्ड 2 सितंबर 1994
- मुजफ्फरनगर गोलीकाण्ड / रामपुर तिराहा काण्ड 2 अक्टूबर, 1994
- देहरादून गोलीकाण्ड 3 अक्टूबर, 1994
- कोटद्वार काण्ड 3 अक्टूबर, 1994
- श्रीयंत्र टापू (श्रीनगर) काण्ड ने 7 नवंबर, 1994
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में संवेधानिक प्रक्रिया
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की मांग लम्बे समय से चली आ रही थी जिसके लिए अनेक आन्दोलन हुए जिसके बाद15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने लाल किले से नए उत्तराखंड राज्य के निर्माण की घोषणा की थी जिसके बाद 27 जुलाई 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2000 के नाम से लोकसभा में प्रस्तुत हुआ। ऊधम सिंह नगर को 29 जुलाई 2000 को जार्ज कमेटी की सिफारिश के बाद उत्तराखंड में मिलाया।
- 1 अगस्त 2000 को लोकसभा में पारित
- 10 अगस्त 2000 को राज्यसभा में पारित
- 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति के० आर० नारायण द्वारा नये राज्य की घोषणा की गयी थी और उत्तरांचल नाम का नया राज्य अस्तित्व में आया |
9 नवम्बर 2000 को 27 वें राज्य के रूप में उत्तरांचल का गठन हुआ। देहरादून को इसकी अस्थायी राजधानी घोषित किया, इसके अंतरिम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी को बनाया, 1 जनवरी 2007 को इसका नाम उत्तराखंड हो गया परन्तु अब उत्तराखण्ड में दो राजधानियां हैं एक ग्रीष्मकालीन राजधानी जो की देहरादून में है जबकि एक शीतकालीन राजधानी जो की चमोली जिले के गैरसैण में तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा घोषित की गयी।
उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के उद्देश्य
उत्तराखण्ड में राज्य पुनर्गठन से लेकर अब तक मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन, रोजगार, सड़क, पानी, और बिजली (ऊर्जा) के मुद्दे मुख्य रूप से रहे हैं जिनपर पुर्नगठन से आजतक कार्य हुआ है परंतु ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जो इन्ही मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं इस वजह से उत्तराखण्ड राज्य निमार्ण के उद्देश्य पूर्ण नही हो पाए हैं हांलाकि कुछ मामलों में पूर्ण होने की ओर अग्रसर जरुर हैं |
उत्तरखण्ड में शिक्षा
उत्तरखण्ड में शिक्षा प्राचीन काल में बदरिका श्रम, रूद्राश्रम, शुक्राश्रम, वशिष्टाश्रम, कण्वाश्रम, कपिलाश्रम, नारदाश्रम, गणेशाश्रम, गरुणाश्रम आदि शिक्षा के महान केन्द्र (Center) थे, जहाँ आश्रम पद्धति से वेद-वेदांग, दर्शन, शस्त्र, संगीत, योग, ज्योतिष आदि की शिक्षा दी जाती थी। महाकवि कालिदास एवं चक्रवर्ती सम्राट भरत (इन्हीं के नाम पर अपने देश का नाम भारत पड़ा) कण्वाश्रम से संबंधित थे। वर्तमान में भी हरिद्वार, ऋषिकेश, जोशीमठ, रानीखेत, देव प्रयाग आदि नगरों आश्रम पद्धति से शिक्षा दी जाती है।
क्र.सं. |
संस्था |
2014 – 2015 |
1 |
जूनियर बेसिक स्कूल |
15517 |
2 |
सीनियर बेसिक स्कूल |
4841 |
3 |
उच्चतर माध्यमिक/इंटरमीडिएट |
3428 |
4 |
स्नातक /स्नातकोत्तर महाविद्यालय |
116 |
5 |
विश्व विद्यालय |
16 |
6 |
डीम्ड यूनिवर्सिटी |
4 |
7 |
कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय |
1 |
8 |
आई.आई.टी. |
1 |
आधुनिक शिक्षा का निर्माण 19वीं शताब्दी में अग्रेजी शासनकाल में शुरू हुआ जिसके बाद रामनगर जिला नैनीताल में उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद की स्थापना की गयी, उच्च शिक्षा का निर्देशन हल्द्वानी में स्थापित किया गया, टेकनिकल शिक्षा के लिए श्रीनगर और इसके निदेशन के लिए रूडकी में इसके निदेशालय की स्थापना की गयी|
उत्तरखण्ड में स्वास्थ्य सेवाएँ वर्ष 2017 – 2021 अनुसार
डाक्टर 1100 – 2260
आक्सीजन जनरेशन प्लांट – 01 – 87
आइसोलेशन बेड – 1200 – 27186
आइसीयू – 13 – 1655
वेंटीलेटर – 116 – 1016
आक्सीजन सिलेंडर – 1193 – 22420
आक्सीजन कंसन्ट्रेटर 275 – 9838
उत्तराखण्ड में रोजगार
उत्तराखण्ड में ऊर्जा व्यवस्था
उत्तराखण्ड में खेती
उत्तराखंड राज्य में मुख्य रूप से खेती की जाती है जहाँ अधिकतर किसान हैं यहाँ पारंपरिक रूप से और भोगोलिक रूप से विषम जलवायु है जिस कारण अधिकतर लोगो द्वारा खेती करने के बाद भी खेती से घर चलाना लोगो के लिए बेहद कठिन है |
- तराई,
- भाभर
- पहाड़ी,
उत्तराखण्ड में जैविक खेती क्षे०
- 2017-18 – 35106
- 2018-19 – 124365
- 2019-20 – 154226
- 2020-21 – 220540
उत्तराखंड में हुई प्रमुख आपदाएं
आपदा के प्रकार
- प्राकृतिक आपदा
- मानव निर्मित आपदा
मानव निर्मित आपदा
मानवीय कार्य से निर्मित आपदा लापरवाही, भूल, या व्यवस्था की असफलता मानव – निर्मित आपदा कही जाती है।
उत्तराखण्ड में कुछ आपदायें
- 23 जुन, 1980 – उत्तरकाशी के ज्ञानसू में भूस्खलन से तबाही।
- 1991- 1992 – चमोली के पिंडर घाटी में भूस्खलन।
- 11 अगस्त, 1998 – रुद्रप्रयाग के उखीमठ में में भूस्खलन।
- 17 अगस्त, 1998 – पिथौरागढ़ के मालपा में भूस्खलन में लगभग 350 लोगों की मृत्यु।
- 10 अगस्त, 2002 – टिहरी के बुढाकेदार में भूस्खलन।
- 2 अगस्त, 2004 – टिहरी बाँध में टनल धसने से 29 लोगों की मृत्यु।
- 7 अगस्त, 2009 – पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में अतिवृष्टि।
- 17 अगस्त, 2010 – बागेश्वर के कपकोट में सरस्वती शिशु मंदिर भूस्खलन की चपेट में 18 बच्चों की मृत्यु।
- 16 जून, 2013 – केदारनाथ में अलकनंदा नदी में आपदा से हजारों लोगो की मृत्यु।
- 16 जून, 2013 – पिथौरागढ़ के धारचूला धौलीगंगा व काली नदी में आपदा।
- वर्ष 2013 – की केदारनाथ आपदा
कोरोना महामारी
विषाणु (virus) अकोशकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है।
इसी कारण इन्हें सजीव और निर्जीव के बीच की कड़ी कहा जाता है क्योंकि ये जीवित और मृत दोनो अवस्थाओं में पाए जाते हैं।
कोरोना के आम लक्षण:
W.H.O. के अनुसार कोरोना के लक्ष्ण
- बुख़ार
- खांसी
- थकान
- स्वाद और गंध न पता चलना
- गले में खराश
- सिरदर्द
- खुजली और दर्द
- दस्त
- त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना
- लाल या सुजी हुई आंखें
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