चांदपुर गढ़ या चांदपुर गढ़ी चमोली Chandpur Garhi Fort Chamoli, Chandpur Fort Kanakpal garhwal king one of the Historical spot
चांदपुर गढ़ी उत्तराखंड के इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण और सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण चमोली जिले में स्थित है यह सुन्दर स्थान | Chandpur Garhi Fort Chamoli
Chandpur Garhi |
चांदपुर गढ़ी मार्गदर्शन Pilotage of Chandpur Garhi
चांदपुर गढ़ी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है उत्तराखण्ड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है चमोली के कर्णप्रयाग और गैरसैंण के बीच में स्थित यह स्थान स्थान जिसे चांदपुर गढ़ी के नाम से जाना जाता है तक सड़क मार्ग से आसानी से कर्णप्रयाग व गैरसैंण से पंहुचा जा सकता है, जिसके बाद आपको सड़क से लगभग 500 मीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद आप सुन्दर और एतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान चांदपुर गढ़ी तक पहुच जायेंगे|
चांदपुर गढ़ी ऐतिहासिक दृष्टिकोण Historical Outlook of Chandpur Garhi Fort
Thanks to Mendi
चांदपुर गढ़ी इतिहास की दृष्टी से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है पुराने अभिलेखों, पुरातात्विक साक्ष्यों और यहाँ प्राप्त अभिलेखों के आधार पर कहा जाता है की राजा कनकपाल जो की गढ़वाल के शक्तिशाली राजा थे मालवा से सवंत 755 (699ई०) को गढ़वाल पहुचे थे उन्होंने स्वयं को राजा सोनपाल का उत्तराधिकारी सिद्ध किया और चांदपुर गढ़ी में राजधानी स्थापित कर राजा बने |
कहा जाता है की पंवार वंश के संस्थापक कनकपाल थे जिसमे की अंतिम राजा अजयपाल थे अजयपाल ने ही 52 गढ़ों को एकीकृत किया बाद में यह क्षेत्र गढ़वाल के नाम से जाना गया यही से भिलंग राज्य के राजा ने शासन किया और अपनी इकलौती पुत्री का विवाह कनकपाल से किया था |
बाद में अजयपाल जो की राजा थे के द्वारा चांदपुर गढ़ी से राजधानी को 1415 सवंत में श्रीनगर के देवलगढ़ (वर्तमान में पौड़ी जनपद में स्थित) में स्थान्तरित किया गया |
Chandpur Garhi Beauty चांदपुर गढ़ी की सुन्दरता
चांदपुर गढ़ी ऊची पहाड़ी पर स्थित है यहाँ से बहुत ही अधिक सुन्दर दृश्य दिखाई देते हैं मन्दिर में एतिहासिक वस्तुयें, बनावटें, और कलाकृतियाँ निर्मित हैं यहाँ पर दूर-दूर से सेलानी दुर्ग को देखने के लिये आते रहते हैं |
चांदपुर गढ़ी दुर्ग सम्बन्धी सुझाव Chandpur Garhi Durg suggestions
यदि आप चांदपुर गढ़ी सम्बन्धी कोई सुझाव देना चाहतें हैं तो आप हमे ईमेल या नीचे कमेंट कर सकतें हैं और यदि कभी आप चांदपुर गढ़ी आयें तो सुझाव हमारा भी है ऐतिहासिक धरोहर को स्वच्छ बनाये रखने में सहायता करें प्लास्टिक के पैकेट को कूड़ेदान में डालें इसकी ऊचित व्यवस्था भी है |
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